सोमवार को पर्थ में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त देकर क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। यह जीत सिर्फ बड़ी नहीं थी, बल्कि एशिया के बाहर भारत की सबसे प्रभावशाली जीतों में से एक बन गई। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारत ने 295 रनों से जीत दर्ज की, जो टीम के दबदबे को साफ दिखाती है।
यह जीत भारत की विदेशी ज़मीन पर रन अंतर से सबसे बड़ी जीतों में से एक है। इससे पहले, 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड में 318 रनों की जीत ने यह रिकॉर्ड बनाया था। अन्य ऐतिहासिक जीतों में 1986 में हेडिंग्ले में इंग्लैंड के खिलाफ 279 रनों की जीत, 1968 में ऑकलैंड में न्यूज़ीलैंड पर 272 रनों की जीत और 2019 में जमैका में वेस्टइंडीज पर 257 रनों की जीत शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह जीत भी खास है। पर्थ में 295 रनों की यह जीत सिर्फ मोहाली (2008) में 320 रनों की जीत से छोटी है। अन्य यादगार जीतों में 1977 में मेलबर्न में 222 रनों, 1998 में चेन्नई में 179 रनों और 2008 में नागपुर में 172 रनों की जीत शामिल हैं।
इस मैच ने एक और दिलचस्प रिकॉर्ड बनाया। 21वीं सदी में ऑस्ट्रेलिया की होम सीरीज़ के पहले टेस्ट में हार काफी दुर्लभ रही है। इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका ने 2008 और 2016 में पर्थ (WACA) में और भारत ने 2018 में एडिलेड में जीत दर्ज की थी। यह दूसरी बार है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ का पहला मैच जीता है। पहली बार ऐसा 2018 में एडिलेड में हुआ था।
भारत ने इस जीत से सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है। टीम की शानदार गेंदबाज़ी और समर्पित प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर उनकी दृढ़ता को साबित किया।
मैच की खास बातें
स्टैंड-इन कप्तान जसप्रीत बुमराह ने मैच में आठ विकेट चटकाए, जिसमें पहली पारी में पांच विकेट शामिल थे। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की लेकिन टीम सिर्फ 150 रनों पर सिमट गई। इसमें नितीश कुमार रेड्डी (41) और ऋषभ पंत (37) की अहम पारियां शामिल रहीं।
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी और भी खराब रही। टीम सिर्फ 104 रन बना सकी। बुमराह ने 5/30 का स्पेल डाला, जबकि डेब्यू कर रहे हर्षित राणा ने 3/48 का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
दूसरी पारी में भारत ने बड़ा स्कोर खड़ा किया। केएल राहुल (77) और यशस्वी जायसवाल (161) के बीच 201 रनों की साझेदारी ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। विराट कोहली (100*) ने भी बेहतरीन शतक जड़ा। भारत ने 487/6 का स्कोर बनाकर ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।
ऑस्ट्रेलिया की हार
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में भी भारतीय गेंदबाजों ने कहर बरपाया। सिराज और बुमराह ने तीन-तीन विकेट लिए, जबकि वॉशिंगटन सुंदर और हर्षित राणा ने भी योगदान दिया। चौथे दिन लंच के बाद ऑस्ट्रेलिया की पारी 238 रनों पर सिमट गई।
यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक है। गेंदबाजों की बेहतरीन रणनीति और टीम के हर खिलाड़ी के प्रदर्शन ने इसे एक यादगार जीत बना दिया।