चक्रवात फेंगल बंगाल की खाड़ी में तेज़ी से ताकतवर हो रहा है और तमिलनाडु के तटीय इलाकों के लिए खतरा बनता जा रहा है। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना ने व्यापक आपदा प्रबंधन योजना को सक्रिय कर दिया है।
पूर्वी नौसेना कमान का तैयार प्लान
पूर्वी नौसेना कमान ने तमिलनाडु और पुदुचेरी मुख्यालय (HQTN&P) के साथ मिलकर एक मज़बूत आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली तैयार की है। इसका मकसद चक्रवात के संभावित प्रभाव को कम करना और प्रभावित लोगों को त्वरित मदद पहुंचाना है।
राहत और बचाव कार्यों पर ध्यान
नौसेना की मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) और खोज एवं बचाव (SAR) टीमों ने राज्य और नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर तेज़ प्रतिक्रिया के लिए ज़रूरी कदम उठाए हैं।
- राहत सामग्रियों जैसे भोजन, पीने का पानी और दवाइयों को वाहनों में लोड किया जा रहा है।
- विशेष फ्लड रिलीफ टीम्स (FRTs) को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है।
- HQTN&P की डाइविंग टीमें हाई अलर्ट पर हैं और किसी भी आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार हैं।
चक्रवात का असर और तैयारी
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात फेंगल अगले 48 घंटों में और तेज़ हो सकता है। इसके चलते तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी बारिश, तेज़ हवाएं और बाढ़ की संभावना है। प्रशासन ने निचले इलाकों और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
NDMA के दिशानिर्देशों का पालन
भारतीय नौसेना ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के चक्रवात तैयारी के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए राहत और बचाव उपाय किए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- आपातकालीन आपूर्ति: प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने के लिए खाद्य सामग्री, पानी और मेडिकल किट का भंडारण।
- खोज और बचाव कार्य: नौसैनिक टीमों, जेमिनी बोट्स और हेलीकॉप्टरों की तैनाती।
- युद्धपोतों पर राहत सामग्री लोडिंग: खाद्य सामग्री, पानी और दवाइयां युद्धपोतों पर लोड कर प्रभावित क्षेत्रों में भेजने की तैयारी।
नौसेना की प्रतिबद्धता
भारतीय नौसेना स्थिति पर करीबी नज़र बनाए हुए है और प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। चक्रवात फेंगल के संभावित प्रभावों को कम करने के लिए नौसेना का यह प्रयास जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।