आज मैं आपको डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में बताना चाहता हूँ। हमने मिलकर क्वांटम कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है।
हमने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जिससे 50 किलोमीटर लंबे फाइबर केबल के ज़रिये क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन और ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ (QKD) को प्रयोगशाला में प्रदर्शित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, आईआईटी दिल्ली कैंपस में 8 किलोमीटर लंबे ऑप्टिकल फाइबर पर भी हमने ये प्रयोग सफलतापूर्वक करके दिखाया है।
इसके अलावा, हमने ‘फ्री-स्पेस एंटेंगलमेंट डिस्ट्रीब्यूशन’ नाम की एक और तकनीक विकसित की है। इसके ज़रिये हमने 20 मीटर की दूरी पर (लैब में) और 80 मीटर की दूरी पर (खुले में) QKD को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है।
एक और अनोखे प्रयोग में, हमने ‘हाइब्रिड एंटेंगलमेंट’ को 10 मीटर की दूरी पर हासिल किया है। इसके साथ ही, हम एक ही सोर्स से कई सारे QKD चैनल चलाने पर भी काम कर रहे हैं, जिससे भविष्य में और भी ज़्यादा सुरक्षित और लचीला क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम बन सकेगा।
इन सब प्रयोगों के लिए, हमने कई नई तकनीकें भी विकसित की हैं, जैसे कि ‘ऑल-फाइबर हेराल्डेड फोटोन सोर्स’ और ‘ऑल-फाइबर एंटेंगल्ड फोटोन सोर्स’।
फरवरी 2022 में, हमने प्रयागराज और विंध्याचल के बीच 100 किलोमीटर की दूरी पर भारत का पहला QKD प्रदर्शन किया था। उसके बाद से, हम QKD के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
हम ‘क्वांटम सोर्स’ और ‘डिटेक्टर’ जैसे उपकरणों को भी भारत में ही बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए DRDO की लैब्स और आईआईटी दिल्ली मिलकर काम कर रहे हैं।
हमारा मानना है कि क्वांटम कम्युनिकेशन, रक्षा और वित्त जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षा को और मज़बूत बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाएगा।