नई दिल्ली: भारत सरकार ने आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल को एक नोटिस भेजकर आईफोन हैकिंग के आरोपों पर सबूत मांगे हैं। सरकार ने यह भी पूछा है कि एप्पल इस नतीजे पर कैसे पहुंचा कि आईफोन हैकिंग राज्य प्रायोजित है।
यह नोटिस विपक्ष के नेताओं के उन दावों के बाद भेजा गया है कि उन्हें एप्पल से चेतावनी संदेश मिला है कि उनके आईफोन हैक किए जा रहे हैं। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत और टीएस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल हैं।
सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन उसने कहा है कि वह इस मामले की जांच करेगी। सरकार ने भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) को भी इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
iPhone हैकिंग का मामला भारत की राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर है। यह देश की लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों के लिए एक बड़ा खतरा है।
सरकार की यह जांच यह पता लगाएगी कि क्या वास्तव में कोई iPhone हैकिंग हुई थी और अगर हाँ, तो यह किसने की। अगर यह साबित होता है कि iPhone हैकिंग राज्य प्रायोजित थी, तो यह भारत और उसके सहयोगियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय होगा।