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स्ट्रोक से बचना है तो नियंत्रण में रखें ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन: शोध

स्ट्रोक से बचना है तो नियंत्रण में रखें ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन: शोध

एक नए अध्ययन के अनुसार, उच्च रक्तचाप और अनियमित दिल की धड़कन, जिसे एट्रियल फाइब्रिलेशन (AFib) भी कहा जाता है, गंभीर स्ट्रोक के खतरे को काफी बढ़ा सकते हैं। यह अध्ययन “जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन” में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन में पाया गया कि उच्च रक्तचाप और AFib दोनों से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक का खतरा उन लोगों की तुलना में बहुत अधिक होता है जिनमें ये स्थितियां नहीं होती हैं। विशेष रूप से, उच्च रक्तचाप वाले लोगों में AFib होने पर स्ट्रोक का खतरा दोगुना हो जाता है, जबकि AFib वाले लोगों में उच्च रक्तचाप होने पर यह खतरा तिगुना हो जाता है।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:

  • उच्च रक्तचाप और AFib दोनों से पीड़ित लोगों में सबसे ज़्यादा स्ट्रोक का खतरा होता है।
  • उच्च रक्तचाप AFib के विकास के जोखिम को बढ़ाता है।
  • AFib स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है, खासकर जब यह उच्च रक्तचाप के साथ हो।

स्ट्रोक से बचाव के उपाय:

  • नियमित जांच: नियमित रूप से रक्तचाप और दिल की जांच करवाएं।
  • जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन रक्तचाप और AFib को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
  • दवाएं: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं रक्तचाप और AFib को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
  • धूम्रपान से परहेज: धूम्रपान स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है।

विशेषज्ञों की राय:

अध्ययन के लेखकों का कहना है कि उच्च रक्तचाप और AFib दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। इन स्थितियों का समय पर इलाज करवाने से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।

यह अध्ययन लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने और नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श करने के लिए प्रेरित करता है।

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