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ह्यूगो वीविंग की भारतीय की सिनेमा यादें और सत्यजीत रे का असर

Hugo Weaving

ह्यूगो वीविंग, जिन्हें ‘द मेट्रिक्स’ फ्रेंचाइज़ी में अपने प्रतिष्ठित किरदार एजेंट स्मिथ के लिए जाना जाता है, हाल ही में गोवा में चल रहे 55वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के दौरान अपनी नई फिल्म The Rooster के बारे में बात कर रहे थे। इस फिल्म के निर्देशक मार्क लियोनार्ड विंटर हैं। वीविंग ने इस फिल्म में काम करने का कारण और इसके पीछे के प्रेरणास्त्रोत के बारे में विस्तार से बताया।

जब वीविंग से पूछा गया कि उन्होंने इस फिल्म में काम करने का निर्णय क्यों लिया, तो उन्होंने कहा, “मुझे स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई। मार्क और मैं पहले भी कई बार साथ काम कर चुके हैं और हम दोनों एक-दूसरे के विचारों को बहुत अच्छे से समझते हैं। हमने हमेशा फिल्मों, अभिनय और किरदारों पर शानदार चर्चाएं की हैं। यही कारण है कि मार्क ने मुझे इस फिल्म में काम करने के लिए आकर्षित किया और फिर उसके शब्दों ने मुझे किरदार के प्रति खींच लिया।”

इसके बाद वीविंग ने भारतीय सिनेमा के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की और बताया कि यह सब सत्यजीत रे की फिल्मों से शुरू हुआ। उन्होंने कहा, “मैं 16 साल की उम्र में सत्यजीत रे की फिल्में देखता था। मुझे उनकी फिल्में बेहद पसंद आईं। अपु त्रयी ने मुझे गहरे तौर पर प्रभावित किया, और शतरंज के खिलाड़ी जैसी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा की ओर मेरा रुझान बढ़ाया। सत्यजीत रे ने मुझे भारतीय सिनेमा से परिचित कराया।”

फिल्म के निर्देशक मार्क लियोनार्ड विंटर ने The Rooster के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “यह फिल्म उस कठिन समय से उत्पन्न हुई, जब मैं अपने मानसिक संघर्षों से जूझ रहा था। यह एक बेहद निरर्थक और डरावना समय था। मैं चाहता था कि इस फिल्म के माध्यम से उस समय को समझ सकूं और कुछ अर्थपूर्ण रचनात्मकता उत्पन्न कर सकूं। ऑस्ट्रेलिया में, शायद भारत में भी, पुरुषों के लिए अपनी आंतरिक समस्याओं को साझा करना बहुत मुश्किल होता है, और मैं चाहता था कि यह फिल्म उस विचार को भी सामने लाए।”

The Rooster एक ऑस्ट्रेलियाई कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है, जिसमें ह्यूगो वीविंग, फीनिक्स राएई और जॉन वॉटरस मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म की कहानी मानसिक स्वास्थ्य, पुरुषों के आंतरिक संघर्षों और उनकी जिजीविषा को दर्शाती है। यह फिल्म निश्चित रूप से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को एक संवेदनशील और सशक्त तरीके से प्रस्तुत करती है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है।

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