“आई वॉन्ट टू टॉक” देखकर जो एहसास हुआ, उसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। यह एक ऐसी फिल्म है जो आपको अंदर तक झकझोर देती है, आपके दिल को छू जाती है और आपको ज़िंदगी के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती है।
अभिषेक बच्चन ने अर्जुन के किरदार को जिस तरह से निभाया है, वह काबिले तारीफ है। उनकी आंखों में दिखाई देने वाला दर्द, उनकी जिंदगी जीने की चाहत, उनकी लाचारी, सब कुछ दर्शकों को भावुक कर देता है। यह एक ऐसा अभिनय है जो आपको लंबे समय तक याद रहेगा।
फिल्म की गति धीमी जरूर है, लेकिन यह धीमापन एक खूबसूरत कविता की तरह है, जो आपको सोचने और महसूस करने का मौका देती है। यह आपको ज़िंदगी के उन पहलुओं से रूबरू कराती है, जिनके बारे में हम अक्सर सोचना नहीं चाहते।
कुल मिलाकर, “आई वॉन्ट टू टॉक” एक ऐसी फिल्म है जो आपको ज़िंदगी के बारे में एक नया नजरिया देती है। यह आपको उन रिश्तों की कद्र करना सिखाती है जो आपके पास हैं, और यह आपको यह भी सिखाती है कि कैसे आप मुश्किल समय में भी खुश रह सकते हैं।
यह फिल्म उन सभी लोगों को ज़रूर देखनी चाहिए जो अच्छी और अर्थपूर्ण सिनेमा की कद्र करते हैं।