भारत में खेलों के विकास को एक नए मुकाम पर ले जाने की तैयारी हो रही है। वर्ल्ड एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन को ने सोमवार को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की। इस दौरान 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी के भारत के इरादों पर गहन चर्चा हुई। को का यह दौरा न केवल एथलेटिक्स के विकास को लेकर अहम है, बल्कि भारत की वैश्विक खेल मंच पर पहचान को भी बल देता है।
68 वर्षीय सेबेस्टियन को, जो अपने समय के दिग्गज मिडल-डिस्टेंस धावक रहे हैं और चार ओलंपिक पदक जीत चुके हैं, इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अनौपचारिक मुलाकात करेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर को का स्वागत एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) के अध्यक्ष अदिले सुमरिवाला ने किया।
भारत का ओलंपिक्स 2036 का सपना
खेल मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि डॉ. मांडविया ने 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी को लेकर भारत के स्थायी, समावेशी और प्रेरणादायक दृष्टिकोण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह महत्वाकांक्षा न केवल सरकार बल्कि उद्योग और समाज के हर स्तर पर समर्थन प्राप्त कर रही है। भारत ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) को अपनी मंशा का पत्र सौंपा है।
IOC अगले साल होने वाले अपने चुनावों के बाद 2036 ओलंपिक्स की मेजबान सिटी का चयन करेगा। मौजूदा अध्यक्ष थॉमस बाख ने भारत की इस महत्वाकांक्षा को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा है।
AFI और सेबेस्टियन को के प्रयास
सेबेस्टियन को के साथ बैठक में AFI अध्यक्ष अदिले सुमरिवाला, महासचिव रविंदर चौधरी और खेल मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद थे। AFI इस मौके पर 2028 जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए भी अपनी दावेदारी पेश करेगा।
AFI के एक सूत्र ने बताया कि, “यह दौरा अनौपचारिक बैठकों और शिष्टाचार मुलाकातों का हिस्सा है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद सेबेस्टियन को मुंबई में टाटा कम्युनिकेशंस के प्रतिनिधियों से मिलेंगे।”
भारत में एथलेटिक्स का भविष्य
हालांकि भारत का एथलेटिक्स प्रदर्शन अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उम्मीदें जगाई हैं। नीरज, जो दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियन हैं, देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का प्लान
सेबेस्टियन को के नेतृत्व में वर्ल्ड एथलेटिक्स 2026 में बुडापेस्ट में “अल्टीमेट चैंपियनशिप” आयोजित करेगा। इस प्रतियोगिता में दुनिया के शीर्ष 8 से 16 एथलीट्स हिस्सा लेंगे। पुरस्कार राशि $10 मिलियन होगी और इसमें 100 मीटर, पोल वॉल्ट और 4×100 मीटर जैसे 16 मुकाबले होंगे।
यह दौरा न केवल भारत के ओलंपिक्स 2036 के सपने को मजबूती देगा, बल्कि देश में एथलेटिक्स के विकास के लिए भी नए रास्ते खोलेगा।