केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्रीय समिति के 76वें सत्र में कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत समग्र और समावेशी दृष्टिकोण अपना रहा है और सभी के लिए किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान कर रहा है।
डॉ. मांडविया ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की प्रगति की सराहना की, जिन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापक श्रृंखला उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि एबी-एचडब्ल्यूसी केंद्रों ने 2,110 मिलियन से अधिक लोगों की सेवा की है और लोगों ने इनसे नि:शुल्क दवाओं और नैदानिक सेवाओं का लाभ उठाया है।
डॉ. मांडविया ने कहा कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन एसईएआरओ बिल्डिंग के निर्माण के लिए 239.5 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। यह भवन दक्षिण-पूर्व एशिया में स्वास्थ्य सेवाओं के समावेशी और एक समान विकास को सुनिश्चित करेगा।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि एसईएआरओ का 76वां सत्र विश्व और क्षेत्र दोनों के लिए ही एक महत्वपूर्ण समय पर आयोजित हो रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र विश्व की एक चौथाई से अधिक जनसंख्या का घर है और इसके बीमारी के भारी बोझ को दूर करना है।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री मनस्वी कुमार, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।