दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता मानकों में गिरावट के साथ, CPCB ने श्रेणीबद्ध जवाबी कार्रवाई कार्ययोजना (GRAP) के तहत कार्रवाई शुरू की है। इन दिशानिर्देशों के अनुरूप, NHAI यह सुनिश्चित कर रहा है कि क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण को अधिकतम प्रभावी बनाने के लिए सभी संभव उपाय किए जाएं।
इस उद्देश्य के लिए, NHAI ने एक “धूल और नियंत्रण प्रबंधन केंद्र” स्थापित किया है। यह केंद्र दिल्ली-एनसीआर में सभी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों की निगरानी करेगा। केंद्र में एक टीम होगी जो निर्माण स्थलों का दौरा करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी धूल नियंत्रण उपाय प्रभावी ढंग से लागू किए जा रहे हैं।
NHAI ने अपने ठेकेदारों/रियायतकर्ताओं को भी राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों की समीक्षा करने और CPCB/केंद्रीय और/या राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।
निर्माण स्थलों पर किये जाने वाले धूल नियंत्रण उपायों में शामिल हैं:
- पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं पर मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों की तैनाती
- सभी निर्माण स्थलों पर दिन भर पानी का छिड़काव
- सभी निर्माण स्थलों और बैचिंग संयंत्रों पर एंटी-स्मॉग गन की तैनाती
- निर्माण और तोड़फोड़ से जमा हुई सामग्री को हरे जाल या कपड़े से ढंकना
इन उपायों का उद्देश्य निर्माण कार्यों से होने वाली धूल के प्रदूषण को कम करना है।