उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा ने पूरे इलाके में तनाव और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। यह हिंसा मुग़लकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के विरोध में भड़की, जिसके आदेश स्थानीय अदालत ने दिए थे।
क्या है मामला?
एक वकील ने अदालत में याचिका दायर कर दावा किया था कि शाही मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को तोड़कर किया गया था। इस दावे के बाद अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया। सर्वेक्षण के लिए जब एडवोकेट कमिश्नर की टीम मस्जिद पहुँची, तो कुछ लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
हिंसा का तांडव:
विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज़्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
प्रशासन का एक्शन:
हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और धारा 144 लागू कर दी है। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
चिंता और सवाल:
यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश है। इस तरह की घटनाओं से समाज में डर और अविश्वास का माहौल पैदा होता है। ज़रूरत है कि प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे और दोषियों को कड़ी सज़ा दे। साथ ही, सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की जानी चाहिए।