
वैज्ञानिकों ने बुधवार को एक नई खोज का ऐलान किया, जिसमें एक सिंथेटिक अणु ने चूहों में छोटे स्तन ट्यूमर को समाप्त कर दिया और बड़े ट्यूमर को काफी हद तक संकुचित कर दिया। इस अणु का नाम ‘ErSO-TFPy’ है, जिसे अमेरिकी यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉयस के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। इस अध्ययन में दावा किया गया है कि एक ही खुराक में यह अणु कई चूहों में एस्ट्रोजन रिसेप्टर-पॉजिटिव स्तन कैंसर के ट्यूमर को पूरी तरह से मिटा देने में सक्षम था।
इस खोज ने कैंसर के इलाज के क्षेत्र में नई उम्मीदें जगा दी हैं, खासकर स्तन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए। आमतौर पर एस्ट्रोजन रिसेप्टर-पॉजिटिव स्तन कैंसर के इलाज के लिए मरीजों को सर्जरी के बाद 5 से 10 साल तक हार्मोन थेरेपी करनी पड़ती है, जिसका सामना करना कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है। हार्मोन थेरेपी के साइड इफेक्ट्स जैसे रक्त का थक्का बनना, मांसपेशियों में दर्द, यौन कार्य में कमी, और थकावट जैसी समस्याओं से मरीजों की जीवन गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
हालांकि, यह एक ऐसी स्थिति है, जहां इस नए अणु के जरिए एक सिंगल डोज़ से पूरे ट्यूमर का इलाज संभव दिखता है, जिससे मरीजों को लंबे समय तक इलाज के दर्द से राहत मिल सकती है। ऐसा उपचार स्तन कैंसर की चिकित्सा में क्रांति ला सकता है, खासकर उन मरीजों के लिए जिन्हें लंबे समय तक इलाज से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन, जैसा कि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है, यह केवल चूहों पर किए गए अध्ययन का परिणाम है, और मानव शरीर पर इसकी प्रतिक्रिया अब भी अज्ञात है। यह आगे की सुरक्षा और प्रभावकारिता परीक्षणों पर निर्भर करेगा कि यह अणु इंसानों में कितना कारगर साबित हो सकता है। फिर भी, यह शोध स्तन कैंसर के इलाज के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जो उम्मीदों का एक नया सूरज लेकर आ सकता है।
इसी प्रकार, यदि यह उपचार इंसानों में सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह स्तन कैंसर के इलाज में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है, और यह लाखों मरीजों के लिए राहत का कारण बन सकता है। इस अध्ययन से यह भी स्पष्ट होता है कि वैज्ञानिक लगातार नई तकनीकों और अणुओं पर काम कर रहे हैं, जो आने वाले समय में कैंसर जैसी घातक बीमारियों को जड़ से खत्म करने की दिशा में मददगार साबित हो सकते हैं।
यह खबर मैंने The Telegraph से पढ़ी और इसे लेकर मेरी प्रतिक्रिया है।