कोविड फिर से दे रहा दस्तक, लेकिन घबराने की नहीं, सतर्क रहने की ज़रूरत

एक बार फिर एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में इज़ाफा देखा जा रहा है और भारत में भी इसकी हल्की आहट महसूस की जा रही है। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

देश में इस समय कुल 257 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं, जिनमें से सबसे अधिक 95 केस केरल में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 मामले सामने आए हैं। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी कुछ मामले रिपोर्ट हुए हैं। 12 मई से अब तक कुल 164 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, इस दौरान 112 मरीज़ ठीक भी हुए हैं।

महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि इस साल जनवरी में कोविड से जुड़ी जटिलताओं के कारण दो मौतें हुई हैं, हालांकि दोनों मरीज़ पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। राज्य में अब तक 6,000 से ज़्यादा सैंपल की जांच की गई है जिनमें 106 पॉज़िटिव निकले, इनमें से ज़्यादातर मुंबई से थे।

इस उछाल के पीछे की वजहें समझें तो दो नए वैरिएंट OF.7 और NB.1.8 को माना जा रहा है, जो JN.1 लाइनएज से जुड़े हुए हैं — ये ओमिक्रॉन का ही एक नया रूप हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” की श्रेणी में रखा है, जो इसके तेज़ी से फैलने की क्षमता को दर्शाता है, हालांकि इसे अभी “वैरिएंट ऑफ कंसर्न” घोषित नहीं किया गया है।

सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में कोविड मामलों में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है। सिंगापुर में एक हफ्ते में मामलों में 28% की बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि हांगकांग में पॉज़िटिविटी रेट 6.21% से बढ़कर 13.66% हो गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बढ़ोतरी घटती इम्युनिटी, लापरवाही और सामाजिक मेलजोल में इज़ाफा के कारण हो रही है।

अच्छी बात यह है कि नए वैरिएंट अब तक गंभीर नहीं माने जा रहे हैं। मरीज़ों में सामान्य लक्षण जैसे गले में खराश, हल्की खांसी, थकान और बुखार देखे जा रहे हैं। पुराने खतरनाक लक्षण जैसे स्वाद और गंध का जाना अभी देखने को नहीं मिला है।

स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। खासकर बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को बूस्टर डोज़ ज़रूर लेनी चाहिए। साथ ही, मास्क पहनना, हाथों की साफ-सफाई और बीमार होने पर घर में रहना जैसे पुराने लेकिन असरदार उपाय अब फिर से ज़रूरी हो गए हैं।

सरकार की निगरानी जारी है और ज़रूरत पड़ने पर सभी इंतज़ाम किए जा चुके हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने भी अस्पतालों में तैयारियों की पुष्टि की है और लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की है।

संक्षेप में, कोविड की वापसी की आहट जरूर है, लेकिन डरने की नहीं, सतर्क रहने की ज़रूरत है। समय पर टीकाकरण, जागरूकता और ज़िम्मेदार व्यवहार ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा हैं।

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