दिल्ली हाई कोर्ट में 30 अक्टूबर को हुई सुनवाई में चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ को लेकर एक अहम फैसला सुनाया। चुनाव आयोग ने कहा कि वे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत किसी भी गठबंधन को नियंत्रित नहीं कर सकते, जिसके चलते विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
यह मामला तब उठा जब बिजनेसमैन गिरीश भारद्वाज ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने इस गठबंधन के नाम पर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि इस नाम का इस्तेमाल सिर्फ वोट पाने के लिए किया जा रहा है।
इस गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, एनसीपी, जेडीयू, आरजेडी, आम आदमी पार्टी और लेफ्ट पार्टियों सहित कुल 26 दल शामिल हैं। इसका नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) इस साल 18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई एक बैठक में रखा गया था।
यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया है, और इसने पहले ही पटना और मुंबई में अपनी बैठकें आयोजित कर ली हैं। इस फैसले से गठबंधन के सदस्यों में राहत की लहर है।