
अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही क्रैश हुए एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बुधवार दोपहर को हुए इस हादसे में बोइंग 787 विमान, जो लंदन के लिए रवाना हुआ था, कुछ ही मिनटों में रिहायशी इलाके में गिर पड़ा। इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू सदस्य भी शामिल थे।
इस दुखद हादसे की गहराई से जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने मोर्चा संभाल लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन आने वाला यह निकाय अब घटनास्थल से सबूत इकट्ठा करने और तकनीकी जांच की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान ने उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों में ‘मेडे’ कॉल दिया था और फिर रडार से उसका संपर्क टूट गया। इसके बाद विमान 625 फीट की ऊंचाई से 475 फीट प्रति मिनट की रफ्तार से गिरा।
AAIB की टीम अब ब्लैक बॉक्स, यानी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की तलाश में है, जिससे इस हादसे की असली वजह सामने आ सके। घटनास्थल पर मौजूद जांचकर्ता मलबे की तस्वीरें, वीडियो, GPS डेटा और CCTV फुटेज भी इकट्ठा कर रहे हैं। मौसम की स्थिति, ATC की रिकॉर्डिंग, और एयरलाइंस के तकनीकी दस्तावेज भी जांच में शामिल किए जाएंगे।
इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए अमेरिकी एजेंसी NTSB और विमान निर्माता बोइंग की टीमें भी इस जांच में सहयोग करेंगी। चूंकि यह विमान अमेरिका में निर्मित हुआ था, इसलिए अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के प्रोटोकॉल के तहत अन्य देशों की एजेंसियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि यह एयर इंडिया का चार दशक में पहला वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट हादसा है। इससे पहले 1985 में कुख्यात ‘कनीष्क’ बम विस्फोट में बोइंग 747 को निशाना बनाया गया था। यह हादसा न केवल भारत, बल्कि पूरी वैश्विक विमानन सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है।
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि वे खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने राहत कार्यों की निगरानी के लिए अहमदाबाद की ओर रुख किया और संबंधित एजेंसियों को तत्परता से काम करने के निर्देश दिए।
सरकार अब एक उच्चस्तरीय समिति भी गठित करने जा रही है, जिसमें पायलट, इंजीनियर, एटीसी अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस समिति का उद्देश्य न केवल इस हादसे की तह तक जाना होगा, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस सिफारिशें तैयार करना भी होगा।
AAIB की रिपोर्ट एक साल के भीतर सार्वजनिक की जाएगी, जिसमें हादसे की पूरी जांच, कारण, और सुरक्षा सुझावों का विस्तृत विवरण होगा। देश अब इस रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहा है ताकि उड़ान का सफर एक बार फिर से भरोसेमंद बन सके।