
भारत अब केवल मोबाइल फोन्स का बड़ा बाज़ार नहीं, बल्कि एक वैश्विक निर्माण केंद्र भी बन चुका है। अमेरिकी टेक दिग्गज Apple ने फैसला किया है कि आने वाले वर्षों में वह अपने सभी iPhones भारत में ही बनाएगी और यहीं से सप्लाई करेगी।
यह जानकारी मंगलवार को टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी। वह ‘भारत टेलीकॉम 2025’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सिर्फ सद्भाव नहीं, आर्थिक समझदारी
सिंधिया ने कहा, “आज भारत में निवेश करना सिर्फ सद्भाव नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी समझदारी है। Apple ने यह निर्णय इसी समझ के तहत लिया है।” उन्होंने कहा कि भारत सस्ता, भरोसेमंद और मौलिक विकल्प बन चुका है।
अमेरिका के लिए भारत, बाकी के लिए चीन
Apple के CEO टिम कुक ने भी हाल की कमाई रिपोर्ट में बताया था कि जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhones भारत से भेजे जाएंगे, जबकि चीन से अन्य देशों के लिए उत्पादन जारी रहेगा।
2014 में आयातक, 2024 में निर्यातक
राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बताया कि 2014 में भारत जहां 21 करोड़ फोन आयात करता था, आज हम 33 करोड़ मोबाइल फोन बनाते हैं और उनमें से 5 करोड़ फोन एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि दुनिया भर में बने iPhones में 15% अब भारत में बनते हैं — यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
PLI योजना और नौकरियों का सृजन
सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के चलते
- ₹4,000 करोड़ के निवेश से
- ₹80,000 करोड़ की बिक्री
- ₹16,000 करोड़ का निर्यात
- और 25,000 नई नौकरियों का सृजन हुआ है।
5G से गाँव तक क्रांति
सिंधिया ने यह भी बताया कि 22 महीनों में देश के 99% गाँव 5G से जुड़ चुके हैं, और 82% आबादी इस नेटवर्क का हिस्सा बन चुकी है। 4.7 लाख टावर्स तैनात किए गए हैं, जो इस डिजिटल परिवर्तन का आधार बन चुके हैं।