इंटरनेशनल बुकर प्राइज 2025: कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को ‘हार्ट लैम्प’ के लिए मिला ऐतिहासिक सम्मान

कन्नड़ साहित्य और भारतीय लेखन के लिए यह गर्व का क्षण है। हासन की लेखिका, पत्रकार और वकील बानू मुश्ताक को उनकी कन्नड़ कहानी संग्रह Heart Lamp के लिए इंटरनेशनल बुकर प्राइज 2025 से सम्मानित किया गया है। यह पहली बार है जब किसी कन्नड़ रचना को इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है।

यह किताब दीपा भास्‍थी द्वारा कन्‍नड़ से अंग्रेज़ी में अनूदित की गई, और दोनों को पुरस्कार स्वरूप 50,000 पाउंड (लगभग 53 लाख रुपये) की राशि साझा रूप से मिली।

🌍 “कोई भी कहानी छोटी नहीं होती” — बानू मुश्ताक

लंदन के टेट मॉडर्न में आयोजित भव्य समारोह में पुरस्कार ग्रहण करते हुए बानू ने कहा,

यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, मेरी भाषा, मेरी ज़मीन और उन आवाज़ों की है जिन्हें अक्सर नज़रअंदाज़ किया जाता है।

उन्होंने कहा कि Heart Lamp उस विश्वास से जन्मी किताब है कि हर व्यक्ति की कहानी मायने रखती है। उन्होंने अपने अनुभव को “बैलगाड़ी से लेकर वैश्विक मंच तक की यात्रा” बताया।

📚 Heart Lamp: लोकजीवन, स्त्री दृष्टिकोण और सामाजिक चेतना की गहराई

जजिंग पैनल के चेयरमैन मैक्स पोर्टर ने इस संग्रह की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

यह किताब अंग्रेज़ी पाठकों के लिए एक नई भाषा, नई लय और नई सामाजिक संवेदनाओं का दरवाज़ा खोलती है।

कहानियाँ नारी अनुभव, प्रजनन अधिकार, जाति, विश्वास और सत्ता संरचनाओं जैसे विषयों पर केंद्रित हैं — जो ग्रामीण से लेकर शहरी भारत तक की जटिलताओं को बुनती हैं।

📖 अनुवाद भी बना पुल – “मेरी सुंदर भाषा की सुंदर जीत”

अनुवादक दीपा भास्थी ने कहा,

यह मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरी भाषा के लिए जीत है।

उनका अनुवाद केवल शब्दों का नहीं, बल्कि संवेदना, बोली और संस्कृति का सेतु बना।

🏆 पुरस्कार की दौड़ में ये भी थे शामिल

Heart Lamp को डेनिश, जापानी, फ्रेंच और इतालवी भाषा की पांच अन्य रचनाओं के बीच चुना गया। शॉर्टलिस्ट में थे:

  • On the Calculation of Volume I – Solvej Balle
  • Small Boat – Vincent Delecroix
  • Under the Eye of the Big Bird – Hiromi Kawakami
  • Perfection – Vincenzo Latronico
  • A Leopard-Skin Hat – Anne Serre

🇮🇳 हिंदी और तमिल के बाद अब कन्नड़ की बारी

2022 में गीतांजलि श्री के Tomb of Sand और 2023 में परमल मुरुगन के Pyre की लंबी सूची में उपस्थिति के बाद, बानू मुश्ताक की जीत ने भारतीय भाषाओं की वैश्विक पहचान को और मजबूती दी है।

💬 “साहित्य हमें जोड़ता है”

बानू ने अपनी जीत को ‘विविधता की जीत’ बताते हुए कहा,

दुनिया जो हमें बांटती है, वहीं साहित्य हमें एक-दूसरे की आत्मा में झाँकने का मौका देता है।

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