WTO में भारत की मांग: गैर-शुल्क बाधाओं पर लगाम और विवाद निपटारा तंत्र की बहाली

पेरिस में OECD मंत्री परिषद की बैठक के दौरान भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं पर लगाम लगाने, गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं से उत्पन्न व्यापार विकृतियों को रोकने और संगठन के विवाद निपटारा तंत्र को फिर से मजबूत बनाने की पुरज़ोर मांग की।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लगभग 25 WTO सदस्य देशों के मंत्रियों की एक अनौपचारिक बैठक में कहा,

“कुछ देश गैर-शुल्क बाधाओं के माध्यम से बाज़ार तक पहुँच रोकते हैं। WTO को चाहिए कि वो गैर-बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्थाओं के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करे और विवाद निपटारा तंत्र को पुनर्स्थापित करे, जिससे वैश्विक व्यापार में अनुशासन बना रहे।”

🔍 बातचीत के प्रमुख बिंदु

  • बैठक में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फ्रांस, नाइजीरिया सहित कई देशों के मंत्री और WTO की महानिदेशक एंज़ी ओकोंजो-इवेला भी शामिल रहीं।
  • यह बैठक 2025 के कैमरून में होने वाले 14वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की तैयारी के रूप में आयोजित की गई थी।
  • भारत ने WTO के सहमति आधारित ढांचे, विकासशील और कम विकसित देशों के लिए विशेष-सुविधा प्रावधानों को बनाए रखने की मांग की।

🌾 कृषि और मत्स्य मुद्दों पर चर्चा

  • खाद्यान्न सार्वजनिक भंडारण (Public Stockholding) को लेकर स्थायी समाधान खोजने की जरूरत पर बल दिया गया।
  • अंधाधुंध मछली पकड़ने और मछली भंडार की समाप्ति को रोकने पर भी चर्चा हुई।

📌 भारत का विरोध और सुझाव

  • चीन द्वारा प्रस्तावित निवेश सुविधा समझौते (Investment Facilitation Pact) का भारत ने विरोध किया और कहा कि ऐसे मुद्दे जो व्यापार से बाहर हैं, उन्हें WTO में नहीं लाया जाना चाहिए।
  • मंत्री ने कहा, “पहले से तय किए गए मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए। नए विषय संगठन में मतभेद बढ़ा सकते हैं।”

⚖️ विवाद समाधान प्रणाली पर भारत की चिंता

  • MPIA (Multi-party Interim Appeal Arbitration Arrangement) के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई, लेकिन मंत्री गोयल के अनुसार,

“इस पर कोई स्पष्ट सहमति या गति नहीं दिखी। अब तक कोई मामला इस व्यवस्था से हल होता नहीं दिखा है।”

🌐 WTO की दिशा: सुधार और पुनर्जीवन

मंत्री ने यह भी कहा कि WTO की 30 साल की यात्रा में समय-समय पर चुनौतियाँ आई हैं, लेकिन

“हमें खुले दिमाग से काम करना होगा और संभावनाओं के द्वार खोलने होंगे।”

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