ऑडिट में होगा CA फर्म्स का सहयोग, CAG बनाए रखेगा पूरी ज़िम्मेदारी

देश की सर्वोच्च ऑडिट संस्था, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG), अब पहली बार एक बड़े स्तर पर चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) फर्म्स की मदद लेने जा रही है। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि ज़िम्मेदारी पूरी तरह CAG की ही रहेगी। इस नई व्यवस्था के तहत जुलाई 2025 से मार्च 2027 तक की अवधि के लिए लगभग 350 केंद्रीय स्वायत्त संस्थाओं का ऑडिट किया जाएगा, जिसमें CA फर्म्स तकनीकी सहयोगी के रूप में शामिल होंगी।

CAG अधिकारियों के अनुसार, सीमित तकनीकी संसाधनों और देश भर में फैले व्यापक ऑडिट क्षेत्र को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। CA फर्म्स को एक टीम के सदस्य के तौर पर नियुक्त किया जाएगा, जिसका नेतृत्व भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा विभाग (Indian Audit and Accounts Department) का एक वरिष्ठ अधिकारी करेगा। यानी ऑडिट की पूरी प्रक्रिया पर निगरानी और अंतिम जवाबदेही CAG की ही होगी।

फिलहाल करीब 30 शहरों की पहचान की गई है, जहां इन फर्म्स की तैनाती होगी। मई 2025 में CAG द्वारा इच्छुक CA फर्म्स से आवेदन मांगे गए थे, जिनकी अंतिम तिथि 5 जून थी। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही अंतिम सूची घोषित कर दी जाएगी।

हालांकि, इस कदम पर राजनीतिक सवाल भी उठे हैं। माडुरै से CPI(M) सांसद ए. वेंकटेशन ने आपत्ति जताते हुए इसे CAG की स्वतंत्रता और संवैधानिक भूमिका के खिलाफ बताया। इसके जवाब में उप-महालेखा परीक्षक (वाणिज्यिक), आनंद मोहन बजाज ने स्पष्ट किया, “यह आउटसोर्सिंग नहीं है। ऑडिट हम ही कर रहे हैं, CA फर्म्स सिर्फ हमारी टीम का हिस्सा होंगी। हम माननीय सांसद को स्थिति स्पष्ट करेंगे।”

इस पहल का एक बड़ा उद्देश्य संसाधनों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना और देशभर में compliance और performance audits के दायरे को बढ़ाना है।

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बढ़ते भारत को ध्यान में रखते हुए, CAG ने public expenditure, strategic finance और digital governance जैसे क्षेत्रों में अपनी ऑडिट टीम की क्षमता बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।

CAG ने इस क्षमता निर्माण के तहत IIT-Madras, IIM-Ahmedabad, और Bhaskaracharya National Institute for Space Applications and Geo-Informatics जैसे संस्थानों के साथ 8 महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoUs) भी किए हैं।

देश में CAG के अधिकार क्षेत्र में आने वाली संस्थाओं में 700 से अधिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, 1600 राज्य उपक्रम, 485 केंद्रीय और 700 से अधिक राज्य स्वायत्त निकाय, पंचायती राज संस्थान, नगरीय निकाय, और विशेष प्रयोजन वाहन शामिल हैं।

CAG का यह नया मॉडल एक ऐसा संतुलन प्रस्तुत करता है जिसमें तकनीकी सहयोग के साथ संस्थागत उत्तरदायित्व भी बना रहता है — और शायद यही भविष्य की नई ऑडिटिंग व्यवस्था का संकेत है।

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