
भारत ने सुरक्षा के नाम पर तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी Çelebi Airport Services को बड़ा झटका दिया है। बेंगलुरु एयरपोर्ट ने भी अब इस कंपनी से अपने संबंध तोड़ दिए हैं, जिससे यह चौथा प्रमुख भारतीय एयरपोर्ट बन गया है जिसने Çelebi से दूरी बनाई है। इससे पहले दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट्स ने कंपनी के साथ अपने अनुबंध समाप्त कर दिए थे।
गुरुवार को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने Çelebi की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। इसके एक दिन बाद, बेंगलुरु एयरपोर्ट (BIAL) ने घोषणा की कि ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं अब अन्य मौजूदा सेवा प्रदाताओं द्वारा संचालित की जाएंगी।
BIAL ने अपने बयान में कहा, “हम इस परिवर्तन को सरकार और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय में कर रहे हैं ताकि परिचालन में कोई रुकावट न आए।”
क्यों उठाया गया यह कदम?
पृष्ठभूमि में ताजा घटनाक्रम यह है कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान पर किए गए जवाबी हमले के बाद तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना। इसके बाद केंद्र सरकार ने तुरंत Çelebi की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोले ने स्पष्ट किया कि “Çelebi एक तुर्की आधारित कंपनी है और तुर्की ने खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन किया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन गया है। इसी कारण से यह निर्णय लिया गया।”
दिल्ली से शुरू हुआ था सिलसिला
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DIAL) सबसे पहले था जिसने Çelebi से अनुबंध खत्म किया। इसके तहत Çelebi Delhi Cargo Terminal Management India का संचालन भी समाप्त कर दिया गया। सभी कर्मचारियों को दूसरे नियोक्ताओं में बिना सेवा शर्तों में बदलाव किए स्थानांतरित किया जा रहा है।
इसके बाद अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट्स पर भी Çelebi के साथ अनुबंध खत्म कर दिए। कंपनी को सभी ग्राउंड हैंडलिंग सुविधाएं तुरंत वापस करने को कहा गया।
तुर्की और पाकिस्तान की नजदीकी
तुर्की ने पाकिस्तान को सैन्य, रणनीतिक और राजनीतिक समर्थन दिया है। हालिया हमले में भारत पर जो ड्रोन दागे गए उनमें से कई तुर्की निर्मित थे — जिनमें Asisguard SONGAR और Bayraktar TB2 शामिल हैं। साथ ही, एक तुर्की युद्धपोत कराची में था और तुर्की वायुसेना का C-130 विमान भी पाकिस्तान में उतरा था।
‘बॉयकॉट तुर्की’ अभियान का असर
भारत में तुर्की के खिलाफ जनभावनाएं उफान पर हैं। सोशल मीडिया पर ‘Boycott Turkey’ ट्रेंड कर रहा है। पर्यटकों ने तुर्की यात्राएं रद्द करनी शुरू कर दी हैं। कई विश्वविद्यालयों ने तुर्की के साथ अपने शैक्षिक समझौते तोड़ दिए हैं।
CAIT (कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) ने भी तुर्की और अज़रबैजान के साथ सभी व्यापार समझौते खत्म करने पर विचार करना शुरू कर दिया है।
Çelebi की प्रतिक्रिया
कंपनी ने कहा, “हम एक वैश्विक कंपनी हैं जो भारत में पूरी तरह से भारतीय पेशेवरों द्वारा संचालित होती है। हमारे संचालन का कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है और हम वैश्विक स्तर पर स्वीकृत गवर्नेंस और पारदर्शिता के मानकों का पालन करते हैं।”
लेकिन भारत सरकार की ओर से अब यह साफ संदेश है — राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं।