
जम्मू: जम्मू फ्रंटियर पर सीमा सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) को लागू करके सीमा पर निगरानी को नई उंचाइयों तक पहुंचा दिया है। वरिष्ठ BSF अधिकारी इंस्पेक्टर जनरल शशांक आनंद ने मंगलवार को बताया कि यह सिस्टम सीमा की कठिन और दुर्गम इलाकों में भी रियल टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट था जो 2017-18 में शुरू हुआ था और इसके नतीजे उत्साहजनक रहे हैं। CIBMS के तहत स्मार्ट फेंसिंग की तकनीक पहली बार जम्मू क्षेत्र में लागू हुई है, जो जमीन, पानी, हवा और यहां तक कि भूमिगत हिस्सों में भी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की परत बनाती है।
इस प्रणाली में थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर-ऑप्टिक सेंसर, रडार और सोनार जैसे कई हाई-टेक उपकरण लगे हुए हैं, जो टावरों, पोलों और एरोस्टैट्स (हवा में लटके हुए उपकरण) पर तैनात हैं। इन सभी सेंसरों को एडवांस्ड कम्युनिकेशन और डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम से जोड़ा गया है, जिससे चौबीसों घंटे हर मौसम में, चाहे धूल भरी आंधी हो या बारिश, सीमा पर हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
सीमा सुरक्षा के इस डिजिटल युग में कदम बढ़ाते हुए, BSF का लक्ष्य है कि जम्मू के हर इंच को इस सिस्टम के तहत लाया जाए ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि छुप न सके।
इंस्पेक्टर जनरल शशांक आनंद ने यह भी बताया कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री जब सीमा पर एक फॉरवर्ड पोस्ट पर गए थे, तब BSF ने इस सिस्टम की लाइव डेमोंस्ट्रेशन दी थी, जिसने उनकी कार्यक्षमता को सामने लाया।
साथ ही, उन्होंने कहा कि जम्मू सरकार के लिए एक प्रायोरिटी एरिया है और यहाँ सुरक्षा के लिहाज से BSF लगातार अलर्ट है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भी BSF ने अपनी सतर्कता कम नहीं की है। आनंद ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता और सीमा पर लगातार कोशिशें होती रहती हैं घुसपैठ की।
उन्होंने बताया कि BSF ने पाकिस्तान के कई आतंकवादी घुसपैठ प्रयासों को नाकाम किया है। विशेषकर सियालकोट सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी के दौरान BSF ने समय रहते प्री-इंप्टिव स्ट्राइक कर भारी नुकसान पहुंचाया और दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया।
साथ ही, BSF की महिला कर्मियों ने भी सीमा पर बहादुरी का परिचय दिया है। असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी समेत कई महिला जवानों ने अग्रिम पोस्टों पर साहसपूर्वक ड्यूटी निभाई है।
अतिरिक्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी ड्रोन के हमलों का भी BSF ने मुकाबला किया है, जिसमें कई दुश्मन के पोस्ट और टावर तबाह किए गए हैं। CIBMS के माध्यम से इस खतरे को भी कम करने के लिए निगरानी बढ़ाई जा रही है।
इसके अलावा, BSF सीमा के दोनों तरफ रहने वाले किसानों को कृषि गतिविधियां जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह नागरिक कल्याण संबंधी प्रयास भी विश्वास बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
शशांक आनंद ने कहा, “BSF भारत की पहली रक्षा पंक्ति है। हम कोईprovocation नहीं करते, लेकिन किसी भी गलत हरकत का जवाब मजबूती से देते हैं। हमारी निगरानी सदैव कड़ी और सतर्क रहेगी।”