
नई दिल्ली, 10 मई 2025:
“ऑपरेशन सिंदूर” के बीच सियासी टकराव तेज़ हो गया है। जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पिछली यूपीए सरकार को आतंकवाद के प्रति “निष्क्रिय” बताया, वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पूछा है — “क्या अब राजनीति करने का समय है या एकजुटता दिखाने का?”
भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कहा गया, “नई भारत में बेकार की शांति वार्ताओं के लिए अब कोई जगह नहीं है।” साथ ही यूपीए कार्यकाल में आतंकी हमलों के बाद की गई वार्ताओं को “कमज़ोरी” के रूप में दिखाया गया।
🎯 थरूर का तीखा पलटवार: “इस विज्ञापन को हटाइए”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए इस पोस्ट को “राजनीतिक विभाजन की एक छोटी, लेकिन निंदनीय कोशिश” करार दिया।
उन्होंने कहा:
“जब पूरा देश एकजुट है, तब इस तरह का विभाजनकारी राजनीतिक प्रयास शर्मनाक है। हमारी सरकार ने 2016 के पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान को जांच में शामिल कर के सीखा कि पुराने तरीकों की कोई उपयोगिता नहीं। उसके बाद ही हमने सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपनाया। यह वीडियो न तो उपयुक्त है और न ही परिपक्व। कृपया इसे हटाइए। जय हिंद।”
🎤 पवन खेड़ा ने भी साधा निशाना
कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने बीजेपी की पोस्ट को टैग करते हुए कहा:
“क्या अब राजनीति करने का समय है? क्या सरकार को विपक्ष के समर्थन की ज़रूरत नहीं है? क्या हमें इस समय एकजुटता का संदेश नहीं देना चाहिए?”
खेड़ा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सरकार अपने राजनीतिक एजेंडे को आतंकवाद पर कार्रवाई से ऊपर रख रही है।
🎥 BJP का वीडियो: UPA बनाम ‘नया भारत’
भाजपा द्वारा जारी वीडियो में 2005 से 2013 तक के बड़े आतंकी हमलों (जैसे दिल्ली ब्लास्ट, मुंबई ट्रेन विस्फोट, पुणे हमला, आदि) को दिखाया गया और यूपीए पर “कोई प्रतिकार नहीं, कोई सबक नहीं सिखाया गया” जैसे आरोप लगाए गए। इसके विपरीत, मोदी सरकार को “मिशन मोड” में दिखाया गया, जो आतंक के खिलाफ सीधा एक्शन लेने वाला है।
📌 राजनैतिक मोड़ और राष्ट्रीय सुरक्षा
यह पूरा विवाद उस समय सामने आया है जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है, और सीमा पर हालात तनावपूर्ण हैं। ऐसे समय में, सवाल यह उठता है कि क्या राजनीतिक बयानबाज़ी से देश की एकजुटता को ठेस पहुंच रही है?