भारत में कोविड मामलों में 1200% की बढ़ोतरी, जानें क्या है वजह

देश में एक बार फिर कोविड-19 मामलों में तेज़ उछाल देखा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह 8 बजे तक भारत में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर 3,758 हो गई है, जो कि 22 मई को मात्र 257 थी। यानी पिछले दस दिनों में मामलों में 1200% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।

📍 राज्यवार स्थिति:

  • केरल: 1,400 सक्रिय मामले
  • महाराष्ट्र: 485
  • दिल्ली: 436
  • गुजरात: 320
  • कर्नाटक: 238
  • पश्चिम बंगाल: 287
  • तमिलनाडु: 199
  • उत्तर प्रदेश: 149

पिछले 24 घंटों में देशभर में 363 नए केस सामने आए हैं और दो लोगों की मौत हुई है — एक कर्नाटक में 63 वर्षीय पुरुष और दूसरी केरल में 24 वर्षीय महिला की। दोनों को पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं।

🧬 नए वेरिएंट्स का असर:

देश में कोविड मामलों के इस बढ़ते ग्राफ के पीछे Omicron के नए सब-वेरिएंट्स जैसे NB.1.8.1 और LF.7 को जिम्मेदार माना जा रहा है। ये वेरिएंट्स पश्चिमी और दक्षिणी भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान पाए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वेरिएंट्स को अभी केवल “Variants Under Monitoring” की श्रेणी में रखा है, जिसका अर्थ है कि इनसे फिलहाल कोई गंभीर खतरा नहीं है।

🏥 क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय की स्थिति:

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं और वे घर पर ही इलाज करवा रहे हैं। बीते 24 घंटे में 265 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं।

ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने कहा,

“हमें सतर्क रहना चाहिए लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। अभी तक मामलों में गंभीरता नहीं देखी गई है।”

🏫 राज्यों की तैयारी:

दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत कई राज्यों ने अस्पतालों को तैयार रहने की सलाह दी है। दिल्ली सरकार ने 23 मई को अस्पतालों को ऑक्सीजन, दवाएं, बेड और वेंटिलेटर जैसे जरूरी संसाधन सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया था।

कर्नाटक सरकार ने स्कूलों के फिर से खुलने से पहले माता-पिता से अपील की है कि बुखार, खांसी या सर्दी होने पर बच्चों को स्कूल न भेजें।

😷 क्या सावधान रहना जरूरी है?

हालांकि मौजूदा वेरिएंट्स अधिक संक्रामक हैं, लेकिन अभी तक गंभीर बीमारी नहीं फैला रहे हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि टीकाकरण, मास्क का प्रयोग और भीड़भाड़ से बचाव ही सबसे अच्छा तरीका है, खासकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए।

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