गोल्डन टेंपल पर पाकिस्तानी मिसाइल हमला नाकाम, भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने बचाई आस्था

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर का जवाब देने के लिए जो रास्ता चुना, वह न केवल सैन्य दृष्टिकोण से असफल रहा बल्कि नैतिक रूप से भी शर्मनाक था। 7 और 8 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाने की कोशिश की। लेकिन भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान की हर कोशिश को नाकाम कर दिया और गोल्डन टेंपल को एक खरोंच तक नहीं आने दी

यह जानकारी 15 इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने सोमवार को दी। उन्होंने ANI को बताया, “हमें पहले से आशंका थी कि पाकिस्तान, सैन्य ठिकानों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को भी निशाना बना सकता है। गोल्डन टेंपल उन्हें सबसे बड़ा प्रतीकात्मक लक्ष्य लगता है। हमें इस बारे में खुफिया जानकारी भी मिली थी और हमने पहले ही उस पर रणनीति तैयार कर ली थी।”

“अंधेरे में छुपकर हमला, पर सेना रही पूरी तरह सतर्क”

7 मई को भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किए जाने के बाद पाकिस्तान ने रात 8:30 बजे से लेकर अगली सुबह तक ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से पंजाब, जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी भारत के कई शहरों पर हमला किया। इनमें अमृतसर, श्रीनगर, जम्मू, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, बठिंडा, चंडीगढ़, पठानकोट, भुज जैसे शहर शामिल थे।

गोल्डन टेंपल पर हमले की पुष्टि करते हुए मेजर जनरल शेषाद्रि ने कहा, “पाकिस्तान ने रात के अंधेरे में एक के बाद एक ड्रोन और मिसाइलें छोड़ीं, लेकिन हमारी वायु रक्षा इकाइयाँ पूरी तरह तैयार थीं। हमारे गनर्स ने हर एक ड्रोन और मिसाइल को गिराया और पवित्र मंदिर को पूरी तरह सुरक्षित रखा।”

बहुस्तरीय वायु सुरक्षा प्रणाली बनी सुरक्षा कवच

भारत की वायु रक्षा प्रणाली में चार स्तरों पर सुरक्षा तैनात की गई थी, जिसमें S-400 सिस्टम, बराक-8 मिडियम रेंज मिसाइल सिस्टम, पेचोरा, स्पाइडर, अपग्रेडेड L-70 और Zu-23-2B गन शामिल थीं। वायुसेना, थलसेना और नौसेना के बीच बेहतरीन तालमेल से इस हमले को पूरी तरह निष्फल किया गया।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, “भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन की कई लहरों को रोका और एक भी लक्ष्य को छूने नहीं दिया।”

“पाकिस्तान के पास कोई वैध लक्ष्य नहीं, इसलिए धर्मस्थलों को बनाया निशाना”

मेजर जनरल शेषाद्रि ने पाकिस्तान की मानसिकता पर तीखा हमला करते हुए कहा, “पाक सेना के पास भारत में हमला करने के लिए कोई वैध सैन्य लक्ष्य नहीं हैं, इसलिए वो धर्मस्थलों, नागरिक आबादी और बच्चों तक को निशाना बना रहा है।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और कोई सिविलियन हानि नहीं हुई। “यह अंतर हमें पाकिस्तान से अलग करता है,” उन्होंने कहा।

कौन-कौन से आतंकी ठिकाने हुए तबाह?

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी शिविरों को बमबारी कर तबाह किया। ये थे:

  • बहावलपुर में मर्कज़ सुब्हानअल्लाह
  • मुरिदके के पास मर्कज़ तैय्यबा
  • सियालकोट में महमूना जोया
  • मुझफ्फराबाद में सवाई नाला और सैयद ना बिलाल
  • कोटली में गुलपुर और अब्बास
  • भीमबर में बर्नाला
  • सरजल

वहीं भारतीय वायुसेना ने 13 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें रफीकी, मुरिद, चकलाला, सियालकोट, सक्कर, स्कर्दू, जैकबाबाद और कराची का मलीर कैंट शामिल हैं।

“आस्था पर आंच नहीं आने देंगे”

जनरल शेषाद्रि ने कहा, “स्वर्ण मंदिर सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी भारतीयों के लिए आस्था का प्रतीक है। हम इस पवित्र स्थल की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे और पाकिस्तान की किसी भी चाल को कामयाब नहीं होने देंगे।”

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