
अगर आप जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में टालमटोल करने के आदी हैं, तो अब अलर्ट हो जाइए। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) ने एक बड़ा बदलाव करते हुए स्पष्ट किया है कि जुलाई 2025 टैक्स पीरियड से जीएसटी रिटर्न केवल 3 साल के भीतर ही फाइल किया जा सकेगा। यानी अगर तय तारीख के 3 साल बाद आप रिटर्न फाइल करने की सोच रहे हैं, तो GST पोर्टल अब आपकी यह अनुमति नहीं देगा।
यह नई व्यवस्था फाइनेंस एक्ट, 2023 के तहत लागू की जा रही है, जिसका मकसद है कि लंबे समय तक पेंडिंग रिटर्न्स और अनुपालन की लापरवाही को खत्म किया जा सके। यह फैसला अगस्त 2025 से GST पोर्टल पर लागू होगा।
GSTN की ओर से जारी सलाह के अनुसार, जिन फॉर्म्स पर यह पाबंदी लागू होगी, उनमें शामिल हैं: GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, GSTR-5, GSTR-5A, GSTR-6, GSTR-7, GSTR-8 और GSTR-9। ये सभी मासिक रिटर्न्स, आउटवर्ड सप्लाई, सालाना विवरण और टैक्स कलेक्शन से संबंधित रिटर्न्स हैं, जिन्हें अब एक सीमित अवधि के भीतर ही फाइल करना अनिवार्य होगा।
टैक्स विशेषज्ञों ने जताई चिंता
जहां एक ओर यह नियम अनुपालन को दुरुस्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, वहीं टैक्स विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल भी उठाए हैं। वरिष्ठ टैक्स सलाहकार रजत मोहन का कहना है कि अगर कोई करदाता वैध कारणों जैसे कोर्ट केस, तकनीकी समस्या या अनजाने में हुई देरी के कारण रिटर्न नहीं भर पाया, तो उसके पास इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) खोने का खतरा बना रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि सिस्टम में रेड्रेसल मैकेनिज़्म की कमी के चलते ऐसे करदाताओं को स्थायी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ सकता है।
GST स्लैब में भी हो सकता है बदलाव
इसी बीच, GST काउंसिल 12% स्लैब को हटाकर 3-स्लैब सिस्टम अपनाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो वर्तमान में 12% टैक्स के अंतर्गत आने वाले उत्पाद या तो 5% या 18% के स्लैब में भेजे जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को और सरल बनाना है।
GSTN की अपील
GSTN ने सभी करदाताओं से अनुरोध किया है कि वे अपने रिकॉर्ड्स की समीक्षा करें और यदि अब तक कोई रिटर्न बकाया है तो तुरंत फाइल कर दें, ताकि समय सीमा पार होने पर भविष्य में परेशानियों से बचा जा सके।
इस नये बदलाव से एक ओर जहां सिस्टम में अनुशासन आएगा, वहीं दूसरी ओर इससे उन व्यापारियों पर असर पड़ सकता है जो किसी कारणवश समय पर फाइलिंग नहीं कर पाए। अब देखना होगा कि क्या सरकार इन असाधारण परिस्थितियों के लिए कोई विशेष राहत प्रावधान भी लाती है या नहीं।