
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने खेल के नियमों में एक बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है, जो आने वाले महीनों में सभी प्रारूपों पर लागू होने जा रहा है। खासतौर पर वनडे क्रिकेट में यह बदलाव खेल के संतुलन को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। जुलाई 2025 से वनडे मैचों में फिर से एक गेंद के इस्तेमाल की परंपरा लौटेगी।
अब तक खेले जा रहे वनडे मुकाबलों में दो नई गेंदों का उपयोग किया जाता था—हर छोर से एक-एक। लेकिन नए नियमों के तहत, पारी के शुरुआती 34 ओवरों तक दो गेंदों का उपयोग किया जाएगा, और इसके बाद फील्डिंग टीम को इनमें से किसी एक गेंद को चुनना होगा जो शेष ओवरों (35 से 50) तक इस्तेमाल की जाएगी।
आईसीसी का मानना है कि इस कदम से गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग में मदद मिलेगी, जिससे डेथ ओवर्स में गेंद और बल्ले के बीच प्रतिस्पर्धा और रोमांच बढ़ेगा। अगर किसी मैच की लंबाई 25 ओवर या उससे कम हो जाती है, तो सिर्फ एक ही नई गेंद का उपयोग किया जाएगा, और दूसरी को रिजर्व बॉल्स में शामिल कर लिया जाएगा।
कनकशन सब्स्टीट्यूट में भी बदलाव
नए नियमों के अंतर्गत अब हर टीम को मैच से पहले पांच कनकशन विकल्पों की सूची देनी होगी। इसमें एक विकेटकीपर, एक बल्लेबाज, एक सीम बॉलर, एक स्पिनर और एक ऑलराउंडर शामिल होंगे। यदि दुर्भाग्यवश सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को भी चोट लगती है, तो मैच रेफरी की अनुमति से अतिरिक्त विकल्प को मंजूरी दी जा सकती है, लेकिन वो भी ‘लाइक फॉर लाइक’ के सिद्धांत पर आधारित होगा।
अन्य नियम भी अपडेट होंगे
आईसीसी ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले समय में बॉउंड्री कैच और डीआरएस से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया जाएगा। हालांकि इनका पूरा ब्यौरा जल्द साझा किया जाएगा।
टेस्ट क्रिकेट में ये नए नियम 17 जून 2025 से श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच गाले में होने वाले टेस्ट मैच से लागू होंगे, जबकि वनडे में पहला मैच जुलाई 2 को कोलंबो में इसी दोनों टीमों के बीच खेला जाएगा। टी20 प्रारूप में नियम 10 जुलाई से लागू होंगे।
ये सारे संशोधन आईसीसी की चीफ एग्जीक्यूटिव्स कमेटी द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। खास बात यह है कि इन्हें वर्किंग ग्रुप को रेफर नहीं किया गया, क्योंकि वह वर्तमान में युवा क्रिकेट के भविष्य स्वरूपों पर काम कर रही है।
यह कदम सिर्फ नियमों का बदलाव नहीं है, बल्कि क्रिकेट को और अधिक संतुलित, रोमांचक और आधुनिक बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है।