
भारत के बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार, 27 मई को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआर कांगो) में बसे भारतीय समुदाय से मुलाकात की। शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में यह दौरा भारत की वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट नीति को प्रस्तुत करने का हिस्सा है।
भारतीय दूतावास ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “डीआर कांगो में भारतीय समुदाय द्वारा प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद से निपटने के भारत के नए दृष्टिकोण पर चर्चा की।”
24 से 28 मई तक चल रहे इस दौरे में प्रतिनिधिमंडल यूएई, लाइबेरिया, डीआर कांगो और सिएरा लियोन का दौरा कर रहा है। इसका उद्देश्य भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है।
प्रतिनिधिमंडल ने डीआर कांगो के उप-प्रधानमंत्री और परिवहन मंत्री जीन-पियरे बेम्बा गोम्बो से भी मुलाकात की। वहीं, कांगो की सीनेट के अध्यक्ष मिशेल समा लुकोन्दे क्येंगे के साथ उच्चस्तरीय वार्ता में भी भारत की आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट नीति को दोहराया गया।
बीजेपी सांसद एस.एस. आहलूवालिया ने एक संयुक्त सम्मेलन में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “तीन युद्धों में हारने के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकवाद को एक रणनीति के तौर पर अपनाया है।” उन्होंने पाकिस्तान की सेना और आतंकी नेटवर्क के गठजोड़ पर प्रकाश डाला।
बीजेपी सांसद बंसुरी स्वराज ने भारत और डीआर कांगो में आतंकवाद की पीड़ा की तुलना करते हुए हालिया पहलगाम हमले का जिक्र किया। उन्होंने डीआर कांगो से पाकिस्तान की भूमिका की वैश्विक निंदा करने की अपील की। उन्होंने कहा, “गौमा में मारे गए 3000 और पहलगाम में शहीद 26 लोगों के खून का रंग एक ही था – लाल। डीआर कांगो इस पीड़ा को समझता है।”
इस दौरे के दौरान भारत के पूर्व राजदूत और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सुजन चिनॉय ने कहा, “पाकिस्तान ने न सिर्फ शांति के प्रयासों को ठुकराया है, बल्कि दक्षिण एशिया में विकास और सहयोग की संभावनाओं को भी बाधित किया है। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान पर आतंकवाद का मार्ग छोड़ने के लिए दबाव डाले।”
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य सांसदों में बीजेपी के बंसुरी स्वराज, अतुल गर्ग, मनन कुमार मिश्रा, बीजेडी के सस्मित पात्र, आईयूएमएल के ई.टी. मोहम्मद बशीर और पूर्व राजनयिक सुजन चिनॉय शामिल हैं।
यह पहल न केवल भारत की विदेश नीति को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकजुट अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान भी है।