भारत FATF को सौंपेगा पाकिस्तान में आतंकी शिविरों का सबूत

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके जवाब में भारतीय सेनाओं द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी अड्डों पर की गई सटीक कार्रवाई के बाद, भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी में जुट गया है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) को एक विस्तृत डोज़ियर सौंपने वाला है, जिसमें पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों और उनकी आर्थिक गतिविधियों से संबंधित पुख्ता सबूत होंगे। यह डोज़ियर न सिर्फ ठिकानों की जानकारी देगा, बल्कि आतंकी फंडिंग के नेटवर्क, लॉजिस्टिक्स और पाकिस्तानी एजेंसियों की मिलीभगत को भी उजागर करेगा।

🔍 पाकिस्तान फिर ग्रे लिस्ट में?

FATF की कार्यप्रणाली मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण से जुड़े तकनीकी अनुपालन पर आधारित होती है। यदि कोई देश इन मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसे ग्रे लिस्ट में डाला जा सकता है, जिससे विश्व बैंक और IMF जैसे संस्थानों से आर्थिक सहायता पाना मुश्किल हो जाता है।

भारत पहले ही IMF में पाकिस्तान को मिलने वाले राहत पैकेज का विरोध कर चुका है, यह कहते हुए कि पाकिस्तान इस मदद का उपयोग आतंक को बढ़ावा देने में करता है। IMF ने भी हाल ही में आगाह किया था कि भारत-पाक तनाव bailout कार्यक्रम की “वित्तीय और बाहरी स्थिरता” को प्रभावित कर सकता है।

FATF ने अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि उसे AML/CFT (Anti-Money Laundering/Counter-Terrorism Financing) मानकों में सुधार जारी रखने होंगे। भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया और प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को आज भी खुलेआम पनाह दी जा रही है।

🌐 वैश्विक मंचों पर कूटनीतिक आक्रामकता

भारत अब FATF के साथ-साथ IMF, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ जैसे मंचों पर भी पाकिस्तान की पोल खोलने की योजना पर काम कर रहा है। सरकार ने 32 देशों और यूरोपीय संसद में एक बहुपक्षीय सांसद प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को वैश्विक समर्थन दिलाने का प्रयास करेगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अगर कोई देश आग लगाता है, तो दुनिया को उसे पानी देने से पहले दो बार सोचना चाहिए।”

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