
भारत और फ्रांस ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में एकजुटता दिखाई है। पेरिस दौरे के दौरान बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद की अगुवाई में पहुंचे बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने फ्रांसीसी सीनेट के ‘इंडिया-फ्रांस फ्रेंडशिप ग्रुप’ और ‘डिफेंस एंड फॉरेन अफेयर्स कमेटी’ के साथ अहम बैठक की। इस दौरान फ्रांस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है, खासकर उस आतंकवाद के खिलाफ जो पाकिस्तान की सरजमीं से पैदा होता है और जिसे पाक सरकार की शह प्राप्त है।
रविशंकर प्रसाद ने इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “आतंकवाद अब पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था का हिस्सा बन चुका है। अब पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच कोई अंतर शेष नहीं रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि फ्रांस जैसे लोकतांत्रिक देश का इस मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा होना बेहद महत्वपूर्ण है।
फ्रांसीसी संसद की सीनेट और नेशनल असेंबली दोनों में प्रतिनिधिमंडल का जोरदार स्वागत हुआ। फ्रांसीसी सांसद जैकलीन यूस्टाश-ब्रीनियो और थियरी टेसों जैसे वरिष्ठ नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद एक ऐसा “कैंसर” है जिससे केवल एकजुट होकर ही लड़ा जा सकता है।
थियरी टेसों ने कहा, “भारत और फ्रांस के बीच पुराना और मजबूत रिश्ता है। हम दोनों ही देशों में आतंकवाद से जूझ रहे हैं। इस लड़ाई में हमारा साथ मजबूत होगा।”
प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय फ्रेंच मीडिया से भी संवाद किया और पाकिस्तान प्रायोजित वैश्विक आतंकवाद के खतरों पर रोशनी डाली। खासतौर पर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैसे यह हमले भारत के लिए खतरे की घंटी हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इसे गंभीरता से लेने की ज़रूरत है।
यह प्रतिनिधिमंडल यूरोप के कई अन्य देशों — इटली, डेनमार्क, ब्रिटेन, बेल्जियम और जर्मनी — की यात्रा पर भी जाएगा, ताकि पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंक के खिलाफ भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखा जा सके। भारत के इस कूटनीतिक प्रयास का मकसद है कि पूरी दुनिया एक स्वर में आतंकवाद के विरुद्ध खड़ी हो।