
भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक सर्वदलीय कूटनीतिक अभियान शुरू किया है। देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के नेतृत्व में सात प्रतिनिधिमंडल 33 देशों का दौरा कर रहे हैं, जहां उन्होंने संबंधित सरकारों को पाहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, और पाकिस्तान के गैर-राज्य प्रायोजित आतंक को लेकर भारत का पक्ष मजबूती से रखा।
कांगो से कतर तक, भारत का स्पष्ट संदेश: “आतंकवाद के साथ व्यापार या बातचीत नहीं”
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में कांगो पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने वहां की विदेश राज्यमंत्री थेरेस कायिकवांबा वाग्नर से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के ‘जीरो टॉलरेंस’ रुख को साझा किया।
कतर में एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने वहां के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख अब्दुलअज़ीज़ बिन फैसल बिन मोहम्मद अल थानी से भेंट की। उन्होंने पाहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, और पाकिस्तान से संचालित आतंक के सबूतों को सामने रखा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, “पाकिस्तान की सेना और ISI ही इन आतंकवादी संगठनों को पनाह, प्रशिक्षण, धन और हथियार देती है। Jaish-e-Mohammad और Lashkar-e-Taiba जैसे यूएन द्वारा घोषित आतंकी संगठन पाकिस्तान में खुलेआम चल रहे हैं।”
दक्षिण कोरिया से स्लोवेनिया तक, आतंकवाद पर एकजुटता
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा की अगुवाई में दक्षिण कोरिया पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने वहां की नेशनल असेंबली की रक्षा समिति के अध्यक्ष और विदेश मंत्री से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की मांग रखी और भारत की ‘नो फर्स्ट यूज़’ न्यूक्लियर पॉलिसी का पुनः उल्लेख किया।
स्लोवेनिया में डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने वहां की विदेश मामलों की समिति और भारत-स्लोवेनिया संसदीय मैत्री समूह से मुलाकात की। स्लोवेनियाई नेताओं ने आतंकवाद को “शुद्ध बुराई” बताया और भारत की नीति का समर्थन किया।
फ्रांस और गुयाना में सहयोग का विस्तार
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद की टीम ने पेरिस में भारतीय राजदूत से जानकारी ली और फ्रांसीसी थिंक टैंक से विचार-विमर्श किया।
गुयाना में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स और उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से मुलाकात की। थरूर ने कहा कि गुयाना ने भारत के हालिया अनुभवों पर सहानुभूति जताई और आर्थिक विकास सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
ऑपरेशन सिंदूर और UN-डिज़िग्नेटेड टारगेट्स
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंक के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिनका भारत ने दृढ़ता से जवाब दिया। भारत ने इस कार्रवाई को UN-डिज़िग्नेटेड आतंकी ठिकानों के खिलाफ आत्मरक्षा बताया।
विश्व समुदाय का समर्थन और भारत का नया सामान्य
इस वैश्विक दौरे का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ विश्व समुदाय को संवेदनशील बनाना, पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क का खुलासा करना, और भारत की नई नीति—आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance)—को मजबूत करना है।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को लगभग सभी देशों में सकारात्मक प्रतिक्रिया, सहानुभूति, और सहयोग का आश्वासन मिला है। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ सैनिक मोर्चे पर नहीं, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी आक्रामक रणनीति अपना रहा है।