भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम 18 मई तक बढ़ा, DGMO स्तर पर सहमति

भारत और पाकिस्तान ने 10 मई 2025 को हुए समझौते को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को घोषणा की कि दोनों देशों के बीच संघर्षविराम (Ceasefire) को 18 मई तक बढ़ा दिया गया है। यह फैसला दोनों देशों के डीजीएमओ (Director Generals of Military Operations) के बीच हुई सैन्य स्तर की बातचीत के बाद लिया गया।

भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “10 मई 2025 को हुई समझ के तहत विश्वास बहाली उपायों (Confidence-Building Measures – CBMs) को जारी रखने और अलर्टनेस लेवल को कम करने का निर्णय लिया गया है।”

क्या हुआ था पहले?

भारत ने 7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई थी, जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय पोनी ऑपरेटर की मौत हो गई थी।

पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी हमला किया। इसके जवाब में भारत ने आठ से अधिक पाकिस्तानी वायुसेना ठिकानों को निशाना बनाते हुए जवाबी स्ट्राइक की।

10 मई को पहली DGMO बातचीत और समझौता

10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई, जिसमें यह सहमति बनी कि कोई भी पक्ष न गोली चलाएगा और न कोई आक्रामक कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही सीमा पर तैनात सैनिकों को पीछे हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने पर भी सहमति बनी।

12 मई को दोनों डीजीएमओ के बीच एक और बैठक हुई जिसमें संघर्षविराम समझौते की समीक्षा की गई। हालांकि इन वार्ताओं की विस्तृत जानकारी गोपनीय है, लेकिन दोनों देशों की सेनाओं ने यह स्वीकार किया है कि सैन्य स्तर पर संवाद जारी है।

ड्रोन की हलचल और सतर्कता

हालांकि सीमा क्षेत्रों में हल्की ड्रोन गतिविधि देखी गई है, लेकिन दोनों देशों ने अब तक संघर्षविराम को बड़ी हद तक बनाए रखा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से कोई भी संपर्क सिर्फ सैन्य चैनलों तक ही सीमित रहेगा।

पाकिस्तान ने बातचीत की पेशकश की

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को भारत से बातचीत की पेशकश की, कहा कि “हम शांति के लिए तैयार हैं।” लेकिन भारत ने साफ कहा है कि बातचीत तब तक संभव नहीं जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समाप्त करने के लिए निर्णायक और स्थायी कदम नहीं उठाता।

इंडस वॉटर ट्रीटी भी निलंबित

भारत ने इस सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ भारत-पाक सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को भी निलंबित कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है, क्योंकि पाकिस्तान के बड़े हिस्से की कृषि और पेयजल जरूरतें सिंधु नदी पर निर्भर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर कहा, “पानी और खून साथ नहीं बह सकते। जब तक आतंकवाद जारी है, न बातचीत संभव है, न व्यापार, और न ही पानी।”

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई अभी सिर्फ रोकी गई है, अगला कदम पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगा।

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