
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव इस वक्त अपने चरम पर है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने अपनी टुकड़ियों को सीमा के पास ‘फॉरवर्ड एरिया’ (forward areas) में भेजना शुरू कर दिया है, जिसे भारत 1999 के कारगिल युद्ध के बाद इस तरह की पहली बड़ी तैनाती मान रहा है। इस हलचल के बीच, दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।
भारतीय अधिकारियों ने शनिवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पाकिस्तान ने भारत के 26 ठिकानों पर हमले किए हैं और उसकी सेना ने ‘फॉरवर्ड एरिया’ में जाना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की कार्रवाइयां ही उकसावे और तनाव को बढ़ा रही हैं। इसके जवाब में, भारत ने जिम्मेदारी से और नपे-तुले तरीके से प्रतिक्रिया दी है। भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों की इस अग्रिम तैनाती से स्थिति को और बढ़ाने का ‘ऑफेंसिव इंटेंट’ (offensive intent) दिखता है।
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी, जो सरकार की तरफ से इस टकराव पर जानकारी दे रही हैं, उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने शनिवार तड़के ‘ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस’ (Operation Bunyan Ul Marsoos) नाम से एक ऑपरेशन शुरू किया, जिसका अर्थ ‘अभेद्य दीवार’ है। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात सहित चार राज्यों में सैन्य ठिकानों और नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को ड्रोन, लंबी दूरी के हथियारों और मिसाइलों से निशाना बनाया। पाकिस्तान ने उधमपुर (Udhampur), भुज (Bhuj), पठानकोट (Pathankot) और बठिंडा (Bathinda) जैसे एयरफोर्स बेस पर नुकसान होने का दावा किया है। हालांकि, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के हमलों से भारत के सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुँचा है।
भारत ने पाकिस्तान के दावों को दुर्भावनापूर्ण ‘मिसइंफॉर्मेशन कैंपेन’ (malicious misinformation campaign) का हिस्सा बताया, जिसमें S-400 सिस्टम, एयरफील्ड्स, और गोला-बारूद डिपो जैसे भारतीय सैन्य संपत्तियों को नष्ट करने के झूठे दावे सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे हैं। भारत इन झूठे दावों को सिरे से खारिज करता है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने एयरबेस पर अस्पतालों और स्कूलों जैसी नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी निशाना बनाया, जिसे भारत ने निंदनीय और गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाई बताया।
पाकिस्तान की तरफ से पिछले कुछ दिनों से लगातार उकसावे की कार्रवाई हो रही थी। 7 और 8 मई की रात को भी पाकिस्तान ने 300 से 400 ड्रोन के साथ भारतीय हवाई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घुसपैठ की कोशिश की थी, जो लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 ठिकानों को निशाना बना रहे थे। इनका मकसद भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की टेस्टिंग और खुफिया जानकारी जुटाना हो सकता था।
इस उकसावे के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर ‘प्रिसिजन स्ट्राइक’ (precision strike) की हैं। भारत ने पाकिस्तान के कम से कम छह एयरबेस – रफीकी (Rafiqui), मुरीद (Murid), चक लाला (Chaklala), रहीम यार खान (Rahim Yar Khan), सुक्कुर (Sukkur) और चुनियां (Chunian) को निशाना बनाया। इन हमलों में सटीक गोला-बारूद और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया, ताकि कम से कम ‘कोलैटरल डैमेज’ (collateral damage) हो। पाकिस्तान के पसरूर (Pasrur) में रडार साइट्स और सियालकोट (Sialkot) में एक एविएशन बेस को भी निशाना बनाया गया। इससे पहले, भारत ने armed drones का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की चार एयर डिफेंस साइट्स पर भी हमला किया था और एक रडार को नष्ट कर दिया था।
यह सब कुछ 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए तनाव का हिस्सा है, जिसके जवाब में भारत ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी कार्रवाई पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से लगातार जारी उकसावे की प्रतिक्रिया है।
सीमा पर लगातार गोलाबारी और फायरिंग जारी है, जिसमें दोनों तरफ नागरिक हताहत हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी से अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है। भारतीय सेना को भी कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन जवाबी फायरिंग में पाकिस्तानी सेना को भी बड़ा नुकसान पहुँचा है। BSF ने भी सांबा (Samba) सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए आतंकवादियों को मार गिराया है।
भारतीय सशस्त्र बल इस वक्त पूरी तरह से ‘हाई स्टेट ऑफ ऑपरेशनल रेडीनेस’ (high state of operational readiness) पर हैं। भारत ने दोहराया है कि वह तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह तभी संभव है जब पाकिस्तान सैन्य स्तर पर इसका पालन करे।
इस बढ़ते तनाव के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों और पूर्व सैन्य प्रमुखों के साथ बैठकें कर स्थिति की समीक्षा की है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीमावर्ती क्षेत्रों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की भूमिका को उजागर कर रहा है।
कुल मिलाकर, भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है, जिसमें सेना की हलचल ने चिंता और बढ़ा दी है। दोनों तरफ से हो रही कार्रवाई और दावों के बीच, विश्व समुदाय भी स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है।