भारत-पाकिस्तान: एयरबेस पर हमला, आतंक फंडिंग पर विरोध – तनाव अब कई मोर्चों पर

india foreign official vikram

भारत और पाकिस्तान के बीच इस वक्त तनाव चरम पर है, और टकराव सिर्फ सैन्य मोर्चे तक ही सीमित नहीं है। सीमा पार से लगातार हो रही उकसावे की कार्रवाईयों का भारत सैन्य और कूटनीतिक, दोनों स्तरों पर पुरजोर जवाब दे रहा है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मंचों पर भी पाकिस्तान की हरकतों को उजागर कर रहा है।

ताजा घटनाक्रम में, बीती रात भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, रावलपिंडी के पास नूर खान (Nur Khan), चकवाल (Chakwal) में मुरीद (Murid), और झांग (Jhang) जिले में रफीकी (Rafiqui) एयरबेस को टारगेट किया गया। कुछ रिपोर्ट्स में चार एयरबेस पर हमले का दावा भी किया गया है। यह कार्रवाई पाकिस्तान की तरफ से पिछले कुछ दिनों में हुए बड़े पैमाने के ड्रोन हमलों और गोलाबारी के सीधे जवाब के तौर पर की गई।

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पाकिस्तान ने 7 और 8 मई की रात तथा उसके बाद भी बड़े पैमाने पर भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। करीब 300 से 400 ड्रोन को 36 जगहों पर घुसपैठ कराने की कोशिश की गई, जो लेह से लेकर सर क्रीक तक फैले थे। इन ड्रोन का संभावित मकसद भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना, एयर डिफेंस सिस्टम को टेस्ट करना और खुफिया जानकारी जुटाना था। शुरुआती रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये ड्रोन तुर्की के आसिसगार्ड सोंगर (Asisguard Songar) हो सकते हैं।

पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ ड्रोन ही नहीं, नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी भारी गोलाबारी की गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमिश्नर (ADDC) राजकुमार थापा सहित कुल 18 नागरिकों की जान गई है। पाकिस्तान ने शहरों और नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाने की कोशिश की। हालांकि, भारतीय सुरक्षा बलों ने मुस्तैदी से इन हमलों को नाकाम किया। कई ड्रोन को काइनेटिक (kinetic) और नॉन-काइनेटिक (non-kinetic) तरीकों से मार गिराया गया। BSF ने भी सीमा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए 7 आतंकवादियों को मार गिराया और पाकिस्तानी रेंजर्स की पोस्ट को भी भारी नुकसान पहुँचाया।  

एक बेहद चिंताजनक ओपिनियन जो भारतीय अधिकारियों ने सामने रखा, वह यह कि पाकिस्तान अपनी हवाई कार्रवाईयों के लिए सिविलियन एयरलाइंस को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था। हमले के दौरान भी पाकिस्तान ने अपना सिविल हवाई क्षेत्र बंद नहीं किया, जबकि इंडिया ने अपनी तरफ का हवाई क्षेत्र खाली कर दिया था ताकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अधिकारियों ने फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के स्क्रीनशॉट दिखाकर यह बात साबित की।

प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव मिस्री ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार अभियान (disinformation campaign) की भी कड़ी निंदा की। पाकिस्तान आरोप लगा रहा है कि भारत अपने ही शहरों या धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहा है (जैसे अमृतसर या ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले का आरोप)। मिस्री ने इसे एक ‘बेशर्म झूठ’ और स्थिति को सांप्रदायिक रंग देकर भारत में सद्भाव बिगाड़ने की हताशा भरी कोशिश बताया, साथ ही कहा कि यह पाकिस्तान की ‘दिमागी फंतासी’ है।  

सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक मोर्चे के साथ-साथ, भारत ने पाकिस्तान पर वित्तीय दबाव भी बनाया है। हाल ही में, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे 2.3 अरब डॉलर के वित्तीय पैकेज पर गंभीर चिंताएं जताईं और इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बना ली। भारत ने IMF के सामने पाकिस्तान के बेहद खराब ट्रैक रिकॉर्ड, फंड के दुरुपयोग की आशंका और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को जारी रखने वाले देश को पुरस्कृत करने के खतरे को उजागर किया। भारत ने यह भी बताया कि कैसे पाकिस्तान की सेना देश के आर्थिक मामलों में गहरी दखल रखती है, जो वित्तीय सुधारों के लिए जोखिम भरा है। हालाँकि, IMF बोर्ड ने पैकेज को मंज़ूरी दे दी, लेकिन इंडिया की चिंताओं पर ध्यान देने की बात कही। इस मुद्दे पर भारत में भी राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई, जहां कांग्रेस ने सरकार के सिर्फ अनुपस्थित रहने के बजाय सीधे ‘ना’ में वोट देने की मांग की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारियों और पूर्व सैन्य प्रमुखों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकें की हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीमावर्ती इलाकों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेशों में भारतीय राजदूतों ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की हरकतों और आतंकवाद के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ के भारत के ओपिनियन को पुरजोर तरीके से रखा है।

कुल मिलाकर, मौजूदा स्थिति बहुआयामी है। सैन्य कार्रवाई जारी है, कूटनीतिक दबाव बनाया जा रहा है, और पाकिस्तान पर आर्थिक मोर्चे पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह देखना बाकी है कि दोनों देशों के बीच यह तनाव आगे क्या रूप लेता है।

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