
पहल्गाम आतंकी हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकी संगठन घोषित करवाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। एक भारतीय तकनीकी टीम इन दिनों न्यूयॉर्क में है और UN की 1267 सैंक्शन कमेटी, UNOCT (United Nations Office of Counter-Terrorism) और CTED (Counter-Terrorism Committee Executive Directorate) के अधिकारियों से मुलाकात कर रही है।
🇮🇳 भारत ने उठाया मामला, UN अधिकारियों ने दी संवेदना
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस हमले की जिम्मेदारी TRF ने दो बार ली — पहली बार कुछ घंटों के भीतर और फिर अगली सुबह।
भारत की टीम ने बुधवार को UNOCT के अंडर सेक्रेटरी जनरल व्लादिमीर वरोन्कोव और CTED की असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल नतालिया घेरमन से मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने हमले पर शोक व्यक्त किया और भारत के साथ सुरक्षा परिषद के आतंकवाद विरोधी प्रस्तावों और UN की ग्लोबल काउंटर टेररिज्म स्ट्रैटेजी को लागू करने में सहयोग का भरोसा दिया।
🔥 पाकिस्तान के दबाव में UNSC से TRF का नाम हटाया गया
भारत की इन कोशिशों की पृष्ठभूमि में एक बड़ा घटनाक्रम रहा — 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में TRF का नाम शामिल किया गया था, लेकिन पाकिस्तान के दबाव में उसे हटा दिया गया। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि यह तथ्य खुद TRF और उसके समर्थकों की भूमिका को उजागर करता है।
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ कहा है कि TRF दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप है और यह हमला उसी के इशारे पर किया गया। उन्होंने TRF द्वारा जिम्मेदारी वापस लेने को ‘अविश्वसनीय बहाना’ करार दिया, जो शायद पाकिस्तान में बैठे आकाओं के दबाव में किया गया।
🛡 ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पहली बार उठा मुद्दा
यह पहली बार है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने UN में TRF पर प्रतिबंध लगाने की औपचारिक मांग उठाई है। भारत ने पहले भी 2023 और 2024 की अर्धवार्षिक रिपोर्ट्स में UN को TRF की गतिविधियों और इसे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का कवच करार दिया था।
📡 सोशल मीडिया, संचार तंत्र से मिले ठोस सबूत
जांच में सामने आया है कि TRF के आतंकी पाकिस्तान के संचार नेटवर्क से जुड़े हुए थे और कई LeT से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स ने TRF के दावे साझा किए। इससे पाकिस्तान की संलिप्तता को और बल मिला है।
🗣 भारत की मांग: “दोषियों, प्रायोजकों को मिले सजा”
भारत लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि 25 अप्रैल को UNSC के बयान में जो कहा गया — कि आतंकी हमलों के दोषियों, योजनाकारों, फंडर्स और स्पॉन्सर्स को सजा मिलनी चाहिए, उसे ध्यान में रखते हुए UN को TRF पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

