
एम.एस. धोनी—एक नाम, जो केवल एक क्रिकेटर नहीं बल्कि भावनाओं की नदी बन चुका है। बुधवार की रात जब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने कोलकाता नाइट राइडर्स पर दो विकेट से जीत दर्ज की, तो मैच से बड़ी सुर्खी धोनी का संभावित संन्यास बना रहा।
क्या यह आखिरी IPL सीज़न है?
इस सवाल पर कई महीनों से चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन धोनी ने फिर से साफ किया कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में धोनी ने कहा—
“यह सिर्फ दो महीने का टूर्नामेंट है। इसके बाद मुझे 6-8 महीने मेहनत करनी होगी ये देखने के लिए कि मेरा शरीर इस दबाव को झेल पाता है या नहीं। अभी मेरे लिए कुछ तय करने जैसा कुछ नहीं है।”
43 की उम्र में भी मैदान पर वही ऊर्जा
धोनी ने हंसते हुए कहा—
“मैं 43 साल का हूं और लंबे समय से खेल रहा हूं। फैंस नहीं जानते कि मेरा आखिरी साल कब होगा, इसलिए वे हर मैच को आखिरी समझकर मैदान में आ रहे हैं।”
बुधवार को ईडन गार्डन्स पर धोनी को देखकर जो माहौल बना, वो किसी विदाई समारोह जैसा था। चारों तरफ पीले रंग की जर्सियां, ‘थाला’ के नारे, और भावुक चेहरों की भीड़… जैसे क्रिकेट से ज्यादा यह एक युग की विदाई की प्रतीक्षा हो।
“संघर्ष था, पर आज सब सही किया”
मैच पर बात करते हुए धोनी ने कहा कि टीम ने पिछली चार हार के बाद सही संतुलन खोजा है।
“आज कई चीजें हमने सही कीं। हम सिर्फ इस सीज़न पर नहीं, बल्कि अगले साल की तैयारी भी कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि टीम कॉम्बिनेशन, गेंदबाजों की भूमिका और बल्लेबाज़ी क्रम पर ध्यान दिया जा रहा है।
“हम ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनना चाहते हैं और अगली टीम की नींव भी रखनी है।”
धोनी का शरीर, फैंस की भावनाएं
सीज़न की शुरुआत में ही कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने माना था कि धोनी अब पूरे 10 ओवर दौड़ते हुए बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें छोटे-छोटे रोल में भेजा जा रहा है। बावजूद इसके, हर चौका-छक्का, हर कैच या स्टंपिंग पर स्टेडियम गूंज उठता है।