
बिग टेक पर लगाम कसने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने मंगलवार को एक ड्राफ्ट कानून पेश किया, जिसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके उपयोगकर्ता कम से कम 16 वर्ष के हों। नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर NZ$2 मिलियन (लगभग US$1.2 मिलियन) तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
“बच्चों की सुरक्षा पहले”: प्रधानमंत्री लक्सन का सख़्त संदेश
“ये हमारे बच्चों की सुरक्षा का सवाल है। सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी,”
– क्रिस्टोफर लक्सन, प्रधानमंत्री, न्यूज़ीलैंड
लक्सन ने कहा कि यह प्रस्ताव माता-पिता की चिंताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा:
“माता-पिता लगातार कह रहे हैं कि सोशल मीडिया बच्चों पर बुरा असर डाल रहा है। वे इसे नियंत्रित करने में खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।”
ऑस्ट्रेलिया से प्रेरणा
यह प्रस्ताव ऑस्ट्रेलिया के कानून पर आधारित है, जिसने नवंबर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाला विश्व का पहला देश बनकर इतिहास रच दिया था। उस क़दम की तकनीकी कंपनियों ने तीखी आलोचना की थी, उसे “जल्दबाज़ी में लाया गया”, “अस्पष्ट” और “समस्या उत्पन्न करने वाला” बताया।
संसद में कब आएगा बिल?
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह विधेयक संसद में कब पेश किया जाएगा, लेकिन लक्सन को उम्मीद है कि इसे राजनीतिक सहमति मिलेगी। न्यूज़ीलैंड में उनकी नेशनल पार्टी तीन-तरफ़ा सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है, और इस बिल को पारित कराने के लिए उन्हें अपने दो सहयोगी दलों का समर्थन चाहिए होगा।
बच्चों को ऑनलाइन ख़तरों से बचाने की पहल
प्रधानमंत्री ने कहा:
“हमें यह मान लेना चाहिए कि सोशल मीडिया के कई फ़ायदे हैं, लेकिन यह हमेशा बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होता। अब समय आ गया है कि प्लेटफ़ॉर्म्स पर ज़िम्मेदारी डाली जाए — ताकि बच्चे साइबर बुलींग, अश्लीलता और शोषण से बचे रहें।”
कानून का उद्देश्य: कंपनियों की ज़िम्मेदारी तय करना
इस ड्राफ्ट कानून को तैयार करने वाली नेशनल पार्टी की सांसद कैथरीन वेड, जो चार बच्चों की मां भी हैं, ने कहा:
“इस बिल का मकसद सोशल मीडिया कंपनियों को जवाबदेह बनाना है। माता-पिता को अपने बच्चों के डिजिटल जीवन को नियंत्रित करने में ज़्यादा सहयोग मिलना चाहिए।”