न्यूज़ पब्लिशर्स ने Google के AI Mode को ‘थेफ्ट’ बताया, मांगी है फेयर डील

न्यूज़ पब्लिशर्स ने Google के नए AI Mode को लेकर आवाज उठाई है और इसे ‘थेफ्ट’ करार दिया है। पिछले कुछ दिनों से यह मुद्दा दुनिया भर के न्यूज़ इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बना हुआ है। पब्लिशर्स का कहना है कि Google का यह नया फीचर उनकी कंटेंट को बिना इजाजत इस्तेमाल कर रहा है और इससे उन्हें फायदा नहीं मिल रहा।

Google ने हाल ही में अपने सर्च इंजन में एक नया AI Mode लॉन्च किया है। इस फीचर में, जब कोई यूजर कोई सवाल पूछता है, तो Google AI सीधे उस सवाल का जवाब दे देता है। इससे यूजर्स को वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती और पब्लिशर्स की साइट पर ट्रैफिक कम हो जाता है। पब्लिशर्स का कहना है कि इससे उनकी कमाई पर भी असर पड़ रहा है, क्योंकि अब उनके लिए एडवरटाइजमेंट या सब्सक्रिप्शन से होने वाली कमाई कम हो रही है।

इस मुद्दे को लेकर अमेरिका की बड़ी न्यूज़ कंपनियों ने Google को खत भी लिखा है। उनका कहना है कि Google उनकी मेहनत का फायदा उठा रहा है, बिना क्रेडिट या पैसे दिए। न्यूज़/मीडिया एलायंस की CEO Danielle Coffey ने कहा कि “लिंक्स वह आखिरी चीज थी जो पब्लिशर्स को ट्रैफिक और रेवेन्यू देती थी। अब Google सीधे कंटेंट ले रहा है और कुछ नहीं दे रहा, यह थेफ्ट है”। उन्होंने यह भी कहा कि Google को चाहिए कि वह पब्लिशर्स के साथ फेयर डील करे।

Google की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है, लेकिन सोर्सेज के मुताबिक कंपनी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। Google का पहले भी कहना रहा है कि उनका मकसद यूजर्स को बेस्ट इंफॉर्मेशन देना है, लेकिन पब्लिशर्स के हक का भी ख्याल रखना है।

इसी बीच, एक इंटरनल डॉक्यूमेंट में यह पता चला है कि Google ने पब्लिशर्स से परमिशन लेने की बजाय उन्हें पूरी तरह से सर्च रिजल्ट से ऑप्ट आउट करने का ऑप्शन दिया है। यानी अगर कोई पब्लिशर अपनी कंटेंट को AI Mode में नहीं दिखाना चाहता, तो उसे सर्च रिजल्ट से ही हटाना होगा। Google सर्च के हेड Liz Reid ने कहा है कि अगर हम हर फीचर के लिए अलग-अलग ऑप्ट आउट का ऑप्शन देंगे, तो यह बहुत कॉम्प्लेक्स हो जाएगा।

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह मुद्दा सिर्फ Google और न्यूज़ पब्लिशर्स तक ही सीमित नहीं है। AI टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ, कंटेंट क्रिएटर्स और टेक कंपनियों के बीच यह टेंशन बढ़ती जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक फेयर पॉलिसी और कॉम्पेंसेशन मॉडल की जरूरत है, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो।

अब सबकी नजर Google पर है कि वह इस मुद्दे पर क्या एक्शन लेता है। पब्लिशर्स का कहना है कि अगर Google ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे लीगल एक्शन भी लेने की तैयारी कर रहे हैं। इंडस्ट्री में यह चर्चा जारी है कि AI और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच कैसे एक बैलेंस बनाया जा सकता है, जिससे दोनों को फायदा हो।

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