FCRA के तहत पंजीकरण चाहने वाले NGOs को अब ‘न्यूज़लेटर’ छापने के लिए लेना होगा प्रमाणपत्र

केंद्र सरकार ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के तहत पंजीकरण चाहने वाले NGOs के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, खासकर उन संस्थाओं के लिए जो प्रकाशन संबंधी गतिविधियों में संलग्न हैं।

गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अब ऐसे NGOs को, जो विदेशी अनुदान प्राप्त करना चाहते हैं और जिनकी गतिविधियां प्रकाशन से जुड़ी हैं, Registrar of Newspapers for India (RNI) से यह प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा कि वे “न्यूज़ सामग्री का प्रकाशन नहीं करते”

नए नियमों की मुख्य बातें:

  • NGOs को यह घोषित करना होगा कि वे Financial Action Task Force (FATF) के अच्छे आचरण दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।
  • आवेदन करते समय पिछले तीन वर्षों के वित्तीय विवरण और ऑडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।
  • अगर वित्तीय रिपोर्ट में गतिविधि-वार खर्च नहीं दिखाया गया हो, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित गतिविधि-वार खर्च का विवरण देना होगा।
  • अगर संस्था का उद्देश्य प्रकाशन है, तो प्रमुख पदाधिकारी को FCRA 2010 के अनुपालन का आश्वासन देना होगा।
  • पंजीकृत प्रकाशन संस्थाओं को RNI से “Not a Newspaper” प्रमाणपत्र देना होगा।

विदेशी फंडिंग के लिए जरूरी शर्तें:

  • दानदाता की ओर से प्रतिबद्धता पत्र (Commitment Letter) देना अनिवार्य होगा, जिसमें प्रस्तावित राशि और खर्च का ब्योरा दिया गया हो।
  • यह भी घोषित करना होगा कि प्रशासनिक खर्च विदेशी योगदान का 20% से अधिक नहीं होगा
  • यदि किसी संस्था का खर्च पिछले तीन वर्षों में ₹15 लाख से कम रहा हो, तो पूंजीगत निवेश को शामिल करने की शपथपत्र देना होगा।
  • पूर्व FCRA पंजीकरण प्राप्त NGOs को पंजीकरण समाप्त होने या रद्द होने के बाद प्राप्त और व्यय की गई राशि का विवरण affidavit के रूप में देना होगा।

सरकार का कहना:

सरकार ने स्पष्ट किया कि कोई भी संस्था FCRA के तहत पंजीकरण या अनुमति लिए बिना विदेशी योगदान प्राप्त नहीं कर सकती, और यदि करती है तो उसे केवल उसी उद्देश्य के लिए उपयोग करना होगा, जिसके लिए वह अनुदान प्राप्त हुआ है।

Most Read

Last Week