
पहुलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स में कम से कम 100 कट्टर आतंकवादियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में यह जानकारी दी।
सरकार का सख्त संदेश: “अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो जवाब ज़रूर मिलेगा”
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन अभी जारी है और पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है। उन्होंने सभी दलों को आश्वस्त किया कि भारत के पास पर्याप्त गोला-बारूद है और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों के साथ-साथ निजी क्षेत्र भी उत्पादन बढ़ाने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा:
“भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर पाकिस्तान ने कोई उकसावा किया, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।”
एकजुट दिखा राजनीतिक वर्ग
बैठक में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों के प्रमुख नेता मौजूद थे — जिनमें गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और अन्य शामिल थे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद कहा:
“सभी नेताओं ने ज़िम्मेदारी से बात रखी और इस संकट के समय में सरकार को समर्थन देने का संकल्प दोहराया।”
प्रधानमंत्री की गैर-मौजूदगी पर सवाल
हालाँकि, बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति विपक्ष के लिए चिंता का विषय बनी रही। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, “यह समय आलोचना का नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री को इस गंभीर मौके पर बैठक में मौजूद रहना चाहिए था।”
राहुल गांधी और सीपीएम नेता जॉन ब्रिटास ने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय एकता प्रदर्शित करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर: अब तक क्या हुआ?
- 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कई पर्यटक शामिल थे।
- इसके जवाब में 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
- भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह किया।
- इन ठिकानों को इस तरह चुना गया था कि आम नागरिकों और उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न हो।
विपक्ष की मांग: अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाया जाए
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front), जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी समूह है, को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की जाए। उन्होंने साथ ही नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की शहीद पत्नी हिमांशी नरवाल को ऑनलाइन निशाना बनाए जाने की निंदा भी की।
आगे क्या?
सरकार ने फिलहाल ऑपरेशन से जुड़ी बारीक जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन संकेत साफ हैं — यह अभियान अभी जारी है और यदि पाकिस्तान ने कोई और उकसावा किया, तो भारत पीछे नहीं हटेगा। सर्वदलीय समर्थन के साथ सरकार इस बार कोई ढील देने के मूड में नहीं दिख रही।