
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक ऐसा क्षण रचा, जिसने केवल रणनीतिक संदेश ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गहराई भी दर्शाई। पत्रकारों के सवालों के बीच उन्होंने रामचरितमानस का प्रसिद्ध दोहा सुनाया –
“विनय न मानत जलधि जड़, गये तीन दिन बीत।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति॥”
इसका भावार्थ है – जब समुद्र ने श्रीराम की विनती नहीं मानी, तब उन्होंने क्रोध में कहा कि भय के बिना प्रेम संभव नहीं। यह दोहा न केवल रामायण की कथा का हिस्सा है, बल्कि वर्तमान सैन्य नीति का भी प्रतीक बन गया है।
एयर मार्शल भारती ने यह दोहा सुनाकर स्पष्ट संकेत दिया कि शांति और धैर्य महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जब ये बेअसर हों, तो निर्णायक कार्रवाई ही एकमात्र विकल्प बचती है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई।
संध्या प्रेस वार्ता के दौरान, सैन्य अधिकारियों ने दृढ़ता और आक्रामकता का प्रदर्शन करते हुए ‘कृष्ण की चेतावनी’ (रामधारी सिंह ‘दिनकर’) का शक्तिशाली संगीतबद्ध वाचन प्रस्तुत किया। स्क्रीन पर भारतीय सैन्य शक्ति के दृश्य चलते रहे – मिसाइलें, नौसेना पोत, एयर डिफेंस सिस्टम – और साथ में संदेश जैसे: “Each move detected”, “Every step watched”, “Terrorism will have a cost for Pakistan”।
इससे पहले रविवार को ब्रीफिंग से पहले शिव तांडव स्तोत्र भी चलाया गया, जो भारतीय सांस्कृतिक चेतना और सैन्य ताकत का समन्वय दर्शाता है।
सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जोर दिया, जिसमें सभी लक्ष्यों को पूरा किया गया और कोई भी पायलट हताहत नहीं हुआ। भारतीय वायु सेना ने तुर्की निर्मित ड्रोन और अन्य हवाई संपत्तियों को मार गिराने का फुटेज भी साझा किया।
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, DGNO वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल भारती की संयुक्त उपस्थिति में दिए गए संदेश का भाव था – भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।
प्रेस वार्ता के दौरान कहा गया कि भारत अब भी जमीन, हवा और समुद्र में किसी और सैन्य कार्रवाई से परहेज़ करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यदि उकसाया गया, तो जवाब और भी कठोर हो सकता है।
“भय बिनु होइ न प्रीति” – एयर मार्शल भारती का यह सांस्कृतिक और रणनीतिक संदेश पाकिस्तान के लिए चेतावनी से कम नहीं था। भारत अब शांति की इच्छा के साथ-साथ दृढ़ता का भी प्रतीक बन चुका है।