
भारत के इजराइल में राजदूत जेपी सिंह ने स्पष्ट किया है कि भारत द्वारा पाकिस्तान में संचालित आतंकी ढांचे के खिलाफ शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल विराम पर है, समाप्त नहीं हुआ। उन्होंने यह बयान इजरायली न्यूज चैनल i24 को दिए एक साक्षात्कार में दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से हाफिज सईद, साजिद मीर और जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकियों को भारत के हवाले करने की मांग दोहराई।
धार्मिक आधार पर हुई हत्याएं, भारत की जवाबी कार्रवाई टारगेटेड थी
जेपी सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की केवल उनके धर्म के आधार पर हत्या की गई। भारत की प्रतिक्रिया सिर्फ आतंकवादी समूहों और उनके बुनियादी ढांचे तक सीमित थी, लेकिन पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले किए।
“हमने आतंकियों पर हमला किया, पाकिस्तान ने हमारी सेना पर,” सिंह ने कहा।
“ऑपरेशन सिंदूर अब भी रुका है, लेकिन समाप्त नहीं। आतंक जहां भी होगा, भारत उसे खत्म करेगा।”
नूर खान एयरबेस पर हमला बना ‘गेमचेंजर’
10 मई को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारतीय हवाई हमले को सिंह ने एक “गेमचेंजर” करार दिया, जिससे पाकिस्तान में घबराहट फैल गई और वहां के DGMO ने भारत से संघर्षविराम के लिए संपर्क किया।
इंडस वाटर ट्रीटी (IWT) पर भारत का रुख सख्त
जेपी सिंह ने स्पष्ट किया कि “रक्त और जल एकसाथ नहीं बह सकते”, यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है। भारत ने इन्डस वाटर ट्रीटी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, क्योंकि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को समर्थन दे रहा है।
“IWT का आधार ‘सद्भावना और मित्रता’ था। हम पानी देते रहे, उन्होंने आतंकवाद भेजा,” सिंह ने कहा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब भारत की नई “IWT” का अर्थ है – India’s War on Terrorism।
हाफिज सईद, लखवी, साजिद मीर को सौंपे पाकिस्तान: भारत की दो टूक
भारत ने अमेरिका द्वारा 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपे जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान भी हाफिज सईद, लखवी और साजिद मीर को भारत को सौंपे तो मसला समाप्त हो सकता है।
“जब अमेरिका ऐसा कर सकता है, तो पाकिस्तान क्यों नहीं?” सिंह ने सवाल उठाया।
पाक जांच प्रस्ताव महज भ्रम फैलाने की कोशिश
सिंह ने पाकिस्तान द्वारा पहलगाम हमले की जांच की पेशकश को खारिज करते हुए कहा कि मुंबई, पठानकोट और पुलवामा जैसे हमलों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों पाकिस्तान को पुख्ता सबूत सौंप चुके हैं, फिर भी आतंक के आकाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वैश्विक आतंक के खिलाफ साझा मोर्चा ज़रूरी
भारत के राजदूत ने ज़ोर दिया कि भारत, इजराइल और अन्य पीड़ित देशों को मिलकर आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ वैश्विक गठबंधन बनाना होगा।
“हम शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। “सीमा पार आतंकवाद अब स्वीकार्य नहीं है।”

