ऑपरेशन सिंदूर: भारत की पाकिस्तान को चेतावनी, आतंकी हमलों की कीमत चुकानी होगी

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष के बाद भले ही संघर्ष विराम लागू हो गया हो, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब रिश्तों में ‘नई व्यवस्था’ लागू होगी, जहां पाकिस्तान को आतंकवाद के हर कृत्य की कीमत चुकानी होगी। सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब ‘घर में घुसकर मारेगा’, और दुनिया को इस नई सच्चाई के साथ जीने की आदत डालनी होगी।

एयरस्ट्राइक में पाकिस्तान के कई जेट विमान तबाह

भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल एके भारती ने रविवार को प्रेस वार्ता में बताया कि पाकिस्तान की ओर से सीमा में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए भारत ने उसके कई हाई-टेक फाइटर जेट्स को मार गिराया। उन्होंने बताया, “हमने कुछ प्लेन गिराए हैं, नुकसान उनकी तरफ हुआ है। सभी भारतीय पायलट सुरक्षित लौटे हैं।”

रिपोर्टों के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के एक एफ-16 और दो JF-17 लड़ाकू विमानों को गिराया, साथ ही एक AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) एयरक्राफ्ट को भी निशाना बनाया।

21 आतंकी ठिकाने ध्वस्त, एयरबेस तक पहुंचा भारतीय हमला

डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घोष ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 21 उच्च-मूल्य के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया। इनमें मुरीदके (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय), बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा) और मुजफ्फराबाद जैसे ठिकाने शामिल थे।

इसके अलावा, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस — चकला, रफीकी, रहीम यार खान, चूनियाँ और सियालकोट — को भी टारगेट किया। रहीम यार खान का रनवे पूरी तरह से नष्ट हो गया।

राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश साफ

सूत्रों ने बताया कि इस ऑपरेशन का मकसद सिर्फ सैन्य नहीं था, बल्कि यह एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश भी था — भारत अब आतंकी ठिकानों को सिर्फ LoC तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि पाकिस्तान के दिल में घुसकर हमला करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट निर्देश था: “वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा।” उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस को भी स्पष्ट संदेश दिया कि यदि पाकिस्तान ने कुछ किया, तो जवाब पहले से भी ज्यादा विनाशकारी होगा।

अमेरिका की भूमिका और पाकिस्तान की गलतफहमी

भारतीय अधिकारियों ने साफ किया कि अमेरिका का इस संघर्ष विराम में कोई भूमिका नहीं थी। पाकिस्तान ने पहले की तरह अमेरिका का दरवाजा खटखटाया, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि यदि हमला बंद होगा तभी कार्रवाई रुकेगी। ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट को भारत ने नजरअंदाज किया और कश्मीर पर किसी भी मध्यस्थता की बात को सिरे से नकार दिया।

संघर्ष विराम भारत की शर्तों पर

10 मई को पाकिस्तान ने 26 भारतीय ठिकानों पर हमला किया, लेकिन उन्हें सीमित नुकसान हुआ। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में ‘hellfire’ जैसी कार्रवाई की और पाकिस्तान को आकाश से बरसी तबाही का सामना करना पड़ा।

11 मई को संघर्ष विराम लागू हुआ, जिसे अमेरिका ने पहले घोषित किया, लेकिन पाकिस्तान ने उसी शाम इसे तीन घंटे के भीतर तोड़ दिया। फिर भी, रविवार को यह विराम काफी हद तक बना रहा।

सिंदूर ऑपरेशन: एक नई शुरुआत

भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब “बिजनेस ऐज यूजुअल” नहीं चलेगा। ‘इंडस वॉटर ट्रीटी’ भी अब ठंडे बस्ते में है और तब तक बहाल नहीं होगा जब तक पाकिस्तान आतंक का समर्थन बंद नहीं करता।

भारत ने अपने जवाबी हमलों से पाकिस्तान की ‘न्यूक्लियर डिटरेंस’ और पारंपरिक सीमाओं की परिभाषा को चुनौती दी है। अब यह साफ है कि कोई भी आतंकी हमला भारत की जमीन पर हुआ तो जवाब कहीं ज्यादा घातक होगा।

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