
भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश के शीर्ष राजनयिक और सैन्य अधिकारी अब खुलकर चेतावनी दे रहे हैं कि यह सिर्फ एक विराम है, अंत नहीं। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर पाकिस्तान ने अब भी आतंकियों को संरक्षण देना बंद नहीं किया, तो कार्रवाई दोबारा शुरू हो सकती है—और इस बार कहीं अधिक गहराई तक।
“पूरा पाकिस्तान भारत के निशाने पर है”
भारतीय थल सेना के एयर डिफेंस प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डिकुन्हा ने ANI को दिए साक्षात्कार में कहा, “भारत के पास ऐसा सैन्य बल है जिससे वह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से पर निशाना साध सकता है। GHQ (जनरल हेडक्वार्टर) को अगर रावलपिंडी से हटाकर कहीं और भी ले जाया गया, तो भी वह हमारी रेंज में रहेगा।” उन्होंने कहा कि भारत ने हालिया संघर्ष में अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक जैसे लॉन्ग रेंज ड्रोन और गाइडेड म्यूनिशन का उपयोग किया, जिसने पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को चौंका दिया।
“ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ”
इजराइल की टीवी चैनल i24 को दिए इंटरव्यू में भारत के इजराइल में राजदूत जेपी सिंह ने भी यही बात दोहराई। उन्होंने कहा, “सीजफायर अभी लागू है, लेकिन हमने साफ कर दिया है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ रुका है, खत्म नहीं हुआ।”
जेपी सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की धर्म पूछकर हत्या के बाद यह ऑपरेशन शुरू हुआ। भारत का निशाना आतंकवादी गुट और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर थे, लेकिन पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया।
“हाफिज़ सईद, लखवी और साजिद मीर को सौंपे पाकिस्तान”
जेपी सिंह ने अमेरिका द्वारा 26/11 हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का हवाला देते हुए मांग की कि पाकिस्तान भी हाफिज़ सईद, साजिद मीर और ज़कीउर रहमान लखवी जैसे मोस्ट वांटेड आतंकियों को भारत को सौंपे।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब अमेरिका ऐसा कर सकता है, तो पाकिस्तान क्यों नहीं? “इतना ही करना है—गुडविल और फ्रेंडशिप की बात जब करते हो तो फिर इन आतंकियों को हमें सौंप दो,” उन्होंने कहा।
“भारत के नए सैन्य सिद्धांत का नाम है – शिशुपाल डोक्ट्रिन”
लेफ्टिनेंट जनरल डिकुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की नई रणनीतिक सोच का हिस्सा बताया—“शिशुपाल डोक्ट्रिन”, जिसके तहत भारत पहले संयम बरतता है, लेकिन जब हद पार होती है, तो निर्णायक और घातक जवाब देता है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने 800 से 1000 ड्रोन भारतीय सीमाओं पर भेजे, जिनमें से अधिकांश को सेना, नौसेना और वायुसेना ने समन्वय के साथ मार गिराया। “कोई भी सिविलियन हताहत नहीं हुआ। यही हमारी सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है,” उन्होंने कहा।
“संधि के लिए बुनियादी शर्त: आतंकवाद खत्म हो”
इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) पर टिप्पणी करते हुए जेपी सिंह ने कहा कि अब यह समझौता निलंबित है क्योंकि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”। उन्होंने कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, तब तक किसी भी संधि की कोई बुनियाद नहीं रह सकती।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने अपनी नीति नहीं बदली, तो ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाइयाँ दोबारा होंगी।
“दुनिया को बनानी होगी वैश्विक आतंकवाद विरोधी गठबंधन”
भारत के इजराइली राजदूत ने यह भी कहा कि आतंकवाद अब सिर्फ भारत या इजराइल की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक संकट बन चुका है। “हमें भारत, इजराइल और अन्य पीड़ित देशों के बीच कूटनीतिक सहयोग बढ़ाना होगा और एक वैश्विक आतंकवाद विरोधी गठबंधन बनाना होगा,” उन्होंने कहा।