पाकिस्तान की ‘दोहरी नीति’ पर ओवैसी का हमला

रियाद में आयोजित एक अहम बातचीत में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद के पोषण में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और उसे तुरंत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में वापस डाला जाना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने 26/11 के दोषियों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जबकि भारत ने उन्हें पुख्ता सबूत सौंपे थे। ओवैसी ने एक चौंकाने वाला दावा किया कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर के साथ एक अमेरिका द्वारा चिन्हित आतंकवादी मोहम्मद एहसान को बैठे हुए देखा गया, जिसकी तस्वीरें भी मौजूद हैं।

ओवैसी ने बताया कि जब पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में था, तभी उस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा और वह कुछ मामलों में कार्रवाई करने को मजबूर हुआ। उन्होंने 26/11 हमलों के मुख्य आरोपी साजिद मीर का उदाहरण देते हुए बताया कि पाकिस्तान पहले उसे मरा हुआ बताता रहा, लेकिन FATF की जांच में खुद स्वीकार किया कि वह जिंदा है।

उन्होंने कहा कि 26/11 के हमलों के दौरान भारतीय एजेंसियों ने न सिर्फ दोषियों को पकड़ा, बल्कि उनकी पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के साथ की गई बातचीत को भी रिकॉर्ड किया। इन बातचीतों में साफ तौर पर आतंकियों को ‘जन्नत’ का लालच देकर ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को मारने के लिए उकसाया गया था।

ओवैसी ने पठानकोट एयरबेस पर हुए 2016 के हमले की भी याद दिलाई और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उस वक्त बिना बुलाए पाकिस्तान की यात्रा की थी और यहां तक कि ISI को भारत बुलाकर सबूत भी सौंपे गए, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब पाकिस्तान की सरकार, फौज और आतंकवादी संगठन एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हों, तो बातचीत किससे की जाए?

यह बयान उस वक्त आया है जब भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंक के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने और 9 ठिकानों को ध्वस्त करने का दावा किया गया है।

असदुद्दीन ओवैसी भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में गए उस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जिसका मकसद सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और अल्जीरिया जैसे देशों को भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और कार्रवाई से अवगत कराना है।

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