पाकिस्तान में हमलों के बाद भारत-अमेरिका: आतंकवाद पर साझा चिंता

नई दिल्ली: पाकिस्तान में हाल ही में हुए हमलों के बाद, भारत का अमेरिका के साथ राजनयिक संपर्क तेज़ी से बढ़ा है। इन हमलों के मद्देनज़र, भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका का समर्थन जुटाने के प्रयास तेज़ कर दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर बात की और उन्हें पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों द्वारा किए गए हमलों की जानकारी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस आतंकी घटना पर दुख व्यक्त किया और भारत के साथ अपनी एकजुटता दिखाई।

इसके अतिरिक्त, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की। इन बैठकों में, भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खतरे पर ज़ोर दिया और इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए अमेरिका से सहयोग मांगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में हमलों के बाद भारत का यह कूटनीतिक प्रयास, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को और मज़बूत करेगा। अमेरिका ने भी इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र में तनाव कम करने और शांति स्थापित करने के लिए सभी पक्षों के साथ संपर्क में है। उन्होंने पाकिस्तान से भी आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत और अमेरिका के संबंध पहले से ही काफ़ी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ रही है। पाकिस्तान में हुए हमलों के बाद, आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच और नज़दीकी आने की संभावना है।

हालांकि, कुछ विश्लेषकों का यह भी मानना है कि अमेरिका की अपनी वैश्विक प्राथमिकताएं हैं, और वह भारत-पाकिस्तान के बीच सीधे तौर पर किसी भी पक्ष का समर्थन करने से बच सकता है। फिर भी, भारत का यह कूटनीतिक प्रयास अमेरिका को अपनी स्थिति समझाने और आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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