
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘मैच फिक्सिंग’ वाले आरोपों पर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल के दावों को “झूठे नैरेटिव गढ़ने की बौखलाहट” बताया और कहा कि यह “हार के डर और हताशा” से उपजा बयान है, खासकर आगामी बिहार चुनाव से पहले।
नड्डा का तीखा प्रहार: “हार की आदत, साजिशों की स्क्रिप्ट”
जेपी नड्डा ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा,
“राहुल गांधी का यह लेख एक झूठे नैरेटिव का ब्लूप्रिंट है।
चरणबद्ध तरीके से वे यही करते हैं:
- कांग्रेस हारती है उनकी हरकतों की वजह से,
- फिर साजिश गढ़ते हैं और धांधली का रोना रोते हैं,
- तथ्यों और आंकड़ों की अनदेखी करते हैं,
- बिना सबूत के संस्थाओं को बदनाम करते हैं,
- और फिर सच्चाई नहीं, सुर्खियों के पीछे भागते हैं।”
नड्डा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जानबूझकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम कर रहे हैं क्योंकि “बिहार में हार तय है”। उन्होंने लिखा – “लोकतंत्र को ड्रामा नहीं, सच्चाई की ज़रूरत है।”
धर्मेंद्र प्रधान ने कसा तंज: “राजवंश की असुरक्षा”
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल के आरोपों को “हर बार चुनाव हारने के बाद पुरानी स्क्रिप्ट” बताया। उन्होंने कहा,
“यह वही नेता हैं जो कभी कैम्ब्रिज में कहते हैं कि भारतीय लोकतंत्र खत्म हो गया है, और फिर खुद चुनाव लड़ते हैं, प्रचार करते हैं और जब हारते हैं तो ईवीएम या चुनाव आयोग को दोष देते हैं।”
प्रधान ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस ने ही दशकों तक “इमरजेंसी, अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग और लोकतंत्र का गला घोंटने” जैसे कृत्य किए हैं, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं के असली अपमान थे।
भाजपा की रणनीति: राहुल को ‘विश्वासघात के प्रतीक’ के रूप में पेश करना
भाजपा अब राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों को जनता के बीच “संस्थाओं के अपमान” और “जनादेश का तिरस्कार” करार दे रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल हर हार को एक साजिश में बदल देते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस की पराजय “जनता की इच्छा का स्पष्ट संकेत” है।