
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (11 मई) को कहा कि भारत की हालिया जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साफ़ संदेश दिया है कि अब सीमा पार की ज़मीन भी आतंकवादियों और उनके संरक्षकों के लिए सुरक्षित नहीं रही। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई का असर पाकिस्तान की सेना के मुख्यालय रावलपिंडी तक महसूस किया गया।
यह बयान उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि यह भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति, सामाजिक एकजुटता और रणनीतिक संकल्प का प्रतीक है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करना था। “हमने कभी भी पाकिस्तान की आम नागरिक आबादी को निशाना नहीं बनाया, जबकि पाकिस्तान ने हमारे नागरिक इलाकों पर हमला किया—मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों को भी निशाने पर लिया,” उन्होंने कहा।
राजनाथ सिंह ने बताया कि भारतीय सेनाओं ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर करारा प्रहार किया, और इस दौरान उन्होंने न सिर्फ़ वीरता दिखाई, बल्कि संयम भी बरता।
“हमारी कार्रवाई सीमा के पास के सैन्य पोस्ट्स तक सीमित नहीं थी। भारत की ताक़त का प्रभाव रावलपिंडी तक महसूस किया गया, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय स्थित है,” उन्होंने जोड़ा।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत ने हमेशा निर्णायक कदम उठाए हैं—चाहे वो उरी हमले के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक हो, पुलवामा के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक हो, या फिर अब पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सीमा पार की गई ये ताज़ा कार्रवाई।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की नीति स्पष्ट है—आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस। ये नया भारत है, जो आतंक के दोनों ओर कार्रवाई करने में सक्षम है,” सिंह ने कहा।
इस दौरान रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि ₹300 करोड़ की लागत से तैयार यह ब्रह्मोस सुविधा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें मिसाइल उत्पादन, परीक्षण, एकीकरण और एयरोस्पेस ग्रेड सामग्रियों का निर्माण शामिल है।