
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को सोने के बदले मिलने वाले कर्ज़ की शर्तों में अहम बदलाव की घोषणा की है। अब दो लाख पचास हज़ार रुपये तक के गोल्ड लोन पर कर्ज़ की अधिकतम सीमा यानी लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो को बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह सीमा 75 फीसदी थी। इसका सीधा फायदा छोटे उधारकर्ताओं को होगा जो अब अपनी सोने की गिरवी पर अधिक राशि प्राप्त कर सकेंगे।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। इसके साथ ही ₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक के गोल्ड लोन पर LTV को 80% और ₹5 लाख से अधिक के लिए 75% निर्धारित किया गया है।
खास बात ये है कि अब LTV की गणना करते समय केवल मूलधन नहीं, बल्कि उस पर लगने वाला ब्याज भी शामिल किया जाएगा। पहले केवल मूलधन के आधार पर ही लोन की सीमा तय होती थी, जिससे ग्राहकों को कम राशि ही मिल पाती थी। अब नए नियमों से यह स्पष्टता आएगी और ग्राहकों को अधिक मूल्य मिलेगा।
इस कदम को लेकर तमिलनाडु जैसे राज्यों में हालिया समय में किसानों और एनबीएफसी कंपनियों की ओर से विरोध देखा गया था। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया था, जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने RBI से पुनर्विचार की मांग की थी।
नए दिशा-निर्देशों के तहत ₹2.5 लाख तक के गोल्ड लोन पर क्रेडिट अप्रेज़ल की ज़रूरत नहीं होगी। यानी इस सीमा तक कर्ज़ लेने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज़ों की मांग नहीं की जाएगी, जिससे छोटे और ज़रूरतमंद ग्राहकों को राहत मिलेगी।
इसके अलावा, स्वघोषणा (self-declaration) का विकल्प भी दिया जाएगा, ताकि अगर कोई ग्राहक सोने की खरीद से जुड़े रसीद नहीं दे पाए, तब भी उसे लोन मिल सके। साथ ही, प्राथमिक क्षेत्रीय ऋण के तहत अगर कोई लोन क्लासिफाई किया जाता है, तो उसके उपयोग की निगरानी ज़रूरी होगी।
इस फैसले के बाद बाज़ार में भी हलचल देखी गई। मुथूट फाइनेंस, मनप्पुरम फाइनेंस और IIFL फाइनेंस जैसे प्रमुख गोल्ड लोन कंपनियों के शेयर 6% तक उछल गए, जिससे निवेशकों में सकारात्मक रुझान साफ देखा गया।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला छोटे कर्ज़दारों के लिए तो लाभकारी है ही, साथ ही यह गोल्ड लोन से जुड़े जोखिमों को भी संतुलित ढंग से मैनेज करेगा। हालाँकि, ₹2.5 लाख से ऊपर के लोन पर अब अधिक डॉक्यूमेंटेशन और उधारकर्ता की चुकाने की क्षमता का आकलन ज़रूरी होगा, जिससे प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है।

