
बेंगलुरु में IPL 2025 की जीत के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विजय यात्रा एक भयानक त्रासदी में तब्दील हो गई। एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 75 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद न सिर्फ पूरे शहर में मातम छा गया, बल्कि पुलिस, सरकार और आयोजकों की लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
बेंगलुरु पुलिस ने RCB फ्रेंचाइज़ी, DNA एंटरटेनमेंट और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस के मुताबिक, आयोजकों को पहले ही इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सोशल मीडिया और वेबसाइट के ज़रिए लाखों फैन्स को कार्यक्रम में आमंत्रित कर दिया।
FIR में बताया गया है कि कार्यक्रम के दिन, यानि 4 जून को सुबह से ही भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। दोपहर में जैसे ही स्टेडियम के गेट खोले गए, अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ में कई लोग कुचले गए। पुलिस और VIP सुरक्षा बलों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि स्टेडियम की क्षमता (लगभग 35,000) कई गुना पार कर गई थी।
राज्य सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद सहित पांच वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही, RCB, DNA और KSCA के वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि आयोजकों की लापरवाही और पुलिस की तैयारी में कमी ने इस हादसे को जन्म दिया।
इस बीच, कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से 10 जून तक स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने साफ किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
सरकार ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग भी गठित किया है, जो 30 दिनों में रिपोर्ट देगा। साथ ही, CID की विशेष जांच टीम इस मामले की आपराधिक जांच करेगी।
सरकार और RCB दोनों ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा देने और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह मुआवज़ा उन जानों की भरपाई कर सकता है, जो सिर्फ एक बिना अनुमति वाले जश्न की वजह से खत्म हो गईं?