
भारतीय क्रिकेट में एक बड़े बदलाव का आगाज हो चुका है। बीसीसीआई ने 25 वर्षीय शुबमन गिल को इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान नियुक्त किया है। पिछले दशक तक जो टीम विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन और मोहम्मद शमी जैसे दिग्गजों के इर्द-गिर्द घूमती थी, वह अब एक नए युग की ओर बढ़ रही है।
गिल भारत के चौथे सबसे युवा टेस्ट कप्तान होंगे, उनसे पहले टाइगर पटौदी (21 वर्ष), सचिन तेंदुलकर (23 वर्ष) और कपिल देव (24 वर्ष) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। चयनकर्ता प्रमुख अजीत अगरकर ने कहा कि चयन समिति इस फैसले को लेकर पूरी तरह एकमत थी।
बदलाव की ज़रूरत क्यों पड़ी?
टीम इंडिया में यह परिवर्तन अचानक नहीं आया। इसकी नींव पिछले एक साल में पड़ चुकी थी, लेकिन विराट कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास ने इस प्रक्रिया को तेज़ कर दिया। 2024 के अंत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में हार और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर करारी शिकस्त ने चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।
चयनकर्ताओं ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र की शुरुआत एक युवा कप्तान के साथ करने का निर्णय पहले ही ले लिया था। भले ही रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने वनडे चैंपियंस ट्रॉफी जीती, लेकिन यह योजना नहीं बदली।
गिल पर क्यों जताया भरोसा?
गिल ने अब तक 32 टेस्ट खेले हैं और उनका औसत 35 का है—जो बेहतरीन नहीं कहा जा सकता। लेकिन चयनकर्ताओं ने उनके संयमित स्वभाव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन पर दांव लगाया है। गिल ने आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी करते हुए प्लेऑफ तक पहुंचाया है, जिससे उनका नेतृत्व कौशल और भी उभरा है।
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में उनकी टेस्ट फॉर्म चिंताजनक रही है। वे पांच में से सिर्फ तीन टेस्ट खेले और औसत सिर्फ 18.60 रहा। अब इंग्लैंड की चुनौती उनके लिए निर्णायक साबित हो सकती है—जहां शुरुआत से ही बल्ले से प्रदर्शन करना जरूरी होगा, वरना उनकी कप्तानी के साथ-साथ टीम में उनकी जगह पर भी सवाल उठ सकते हैं।
बुमराह की भूमिका और गेंदबाजी विभाग की चुनौतियाँ
जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनाए जाने की अटकलें थीं, लेकिन फिटनेस और लगातार टेस्ट खेलने की असमर्थता के कारण चयनकर्ता उन्हें कप्तान बनाने से पीछे हटे। अगरकर ने साफ कहा कि बुमराह टीम के लिए गेंदबाज के तौर पर ज्यादा अहम हैं, न कि कप्तान के रूप में।
तेज गेंदबाजी विभाग में बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, अर्शदीप सिंह, शार्दुल ठाकुर और आकाश दीप को चुना गया है। अनुभवी शमी इस सीरीज से बाहर हैं, क्योंकि वे अभी टेस्ट मैचों के लायक फिट नहीं माने गए।
नए युग के सितारे और गिल की अग्निपरीक्षा
गिल के नेतृत्व में भारतीय टेस्ट टीम काफी युवा दिख रही है। यशस्वी जायसवाल (23), साई सुदर्शन (23), और उप-कप्तान ऋषभ पंत (27) जैसे खिलाड़ी इस नई पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं। लेकिन इनके साथ गिल का तालमेल और कप्तानी की शैली कैसी होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
टीम को केवल एक अभ्यास मैच खेलने का मौका मिलेगा और वह भी भारत A के खिलाफ, जिससे इंग्लैंड की परिस्थितियों में एडजस्ट करना चुनौतीपूर्ण होगा। हेडिंग्ले, लीड्स में 20 जून से शुरू होने वाले पहले टेस्ट में टीम को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।
इतिहास भी चुनौतीपूर्ण है—भारत ने कभी इंग्लैंड में पांच टेस्ट की सीरीज नहीं जीती है। पिछली बार 2021 की सीरीज 2-2 पर खत्म हुई थी, जब अंतिम टेस्ट 2022 में कोविड के कारण खेला गया था।
गिल के लिए ताज या ताज की कांटों की माला?
शुबमन गिल भारत के 37वें टेस्ट कप्तान हैं। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक भावनात्मक बदलाव है—कोहली और रोहित की छवि से बाहर आकर अब नई पीढ़ी को जिम्मेदारी दी जा रही है। यह गिल के लिए एक सम्मान भी है और एक भारी जिम्मेदारी भी।
अब सबकी निगाहें इंग्लैंड दौरे पर रहेंगी—जहां गिल की कप्तानी, उनका बल्लेबाज़ी प्रदर्शन और युवा टीम का मनोबल सब कुछ कसौटी पर होगा। अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो भारतीय क्रिकेट का यह परिवर्तनकारी कदम ऐतिहासिक साबित हो सकता है।